- श्रीनिवासपुरी में डीसिल्टिंग जल्द शुरू, टैंकरों पर GPS-सेंसर से निगरानी
“सालों से जमे गंदगी के ढेर पर चली सफाई की झाड़ू”
नई दिल्ली । 12 अप्रैल 25। दिल्ली सरकार में जल एवं लोक निर्माण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने आज श्रीनिवासपुरी क्षेत्र का निरीक्षण किया और जलभराव की पुरानी समस्या के स्थायी समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
मंत्री वर्मा ने बताया कि श्रीनिवासपुरी का मुख्य नाला वर्षों से अवरुद्ध पड़ा है और पिछले वर्ष यहां के घरों में लगभग चार फीट तक पानी भर गया था।
“पिछली सरकार और स्थानीय विधायक (पूर्व मुख्यमंत्री) ने इस पर कोई कार्य नहीं किया। लेकिन हम यह नहीं देखते कि क्षेत्र किसका है — हमारा लक्ष्य हर जगह काम करना है।”
उन्होंने कहा कि नाले की डीसिल्टिंग के लिए एक सप्ताह के भीतर वर्क ऑर्डर जारी किया जाएगा और कार्य शुरू होगा।
अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कार्य की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए, ताकि केवल कागज़ों पर नहीं, ज़मीन पर भी कार्य की सच्चाई दिखे।
निरीक्षण के दौरान मंत्री द्वारा निम्नलिखित स्पष्ट निर्देश दिए गए:
1. MCD को निर्देशित किया गया है कि श्रीनिवासपुरी नाले की डीसिल्टिंग का कार्य ‘ईस्ट ऑफ कैलाश’ से शुरू किया जाए।
2. दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को निर्देश दिए गए हैं कि 19 अप्रैल से पहले डक्ट्स पर जमा C&D वेस्ट और मलबे की सफाई पूरी की जाए।
3. कुल्वर्ट (Culvert) पर बाउंड्री वॉल की ऊंचाई बढ़ाने और कॉइल फेंसिंग लगाने का निर्देश दिया गया है।
4. दक्षिण-पूर्व जिले के जिला मजिस्ट्रेट (DM South East) को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए।
5. DCP South East को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराने को कहा गया, ताकि डक्ट्स पर बाउंड्री वॉल निर्माण बाधित न हो।
6. PWD को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि कोई भी नाला दिल्ली जल बोर्ड के डक्ट से न जुड़ा हो।
निरीक्षण के दौरान दक्षिणी दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी और स्थानीय निगम पार्षद राजपाल सिंह भी मौजूद रहे। सभी ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मंत्री से चर्चा की और समाधान की दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना की।
मानसून से पहले युद्ध स्तर पर तैयारियां
प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार की प्राथमिकता है कि इस बार मानसून में कहीं भी जलभराव की स्थिति न बने। नालों की डीसिल्टिंग को मिशन मोड में लिया गया है और हर क्षेत्र में कार्य को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जा रहा है।
जल टैंकरों पर GPS, सेंसर और फ्लो मीटर से निगरानी
जब जल टैंकरों में GPS इंस्टॉलेशन को लेकर सवाल किया गया तो मंत्री ने बताया:
“GPS ही नहीं, सभी टैंकरों में सेंसर और फ्लो मीटर भी लगाए जा रहे हैं। अब हम यह जांच पाएंगे कि टैंकर जिस बिंदु पर गया, क्या उसने पानी खाली किया या नहीं। पहले इसमें भारी गड़बड़ी होती थी — टैंकर माफिया सक्रिय था।”
अब टैंकरों की मॉनिटरिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रियल टाइम होगी। उन्होंने कहा:
“अब पेमेंट तभी होगी जब सही ढंग से पानी सप्लाई हो, ताकि इस भीषण गर्मी में लोगों को समय पर पानी मिल सके।”
दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि जल संकट और जलभराव दोनों से दिल्लीवासियों को राहत मिले, और इसके लिए तकनीक और प्रशासनिक निगरानी का बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जा रहा है।