यमुना में प्रदूषण की रोकथाम में बड़ा योगदान है ओखला का वेस्ट वाटर प्लांट का – प्रवेश वर्मा

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  • यमुना को पुनर्जीवित करने की दिशा में बड़ा कदम ओखला में एशिया का सबसे बड़ा सिंगल स्टेज वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पूरी क्षमता से कार्यरत

नयी दिल्ली । 9 अप्रैल 25। दिल्ली में यमुना को स्वच्छ और प्रवाहमान बनाने के मिशन के तहत राजधानी में सीवेज शोधन की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई है। दिल्ली सरकार में PWD मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने ओखला स्थित एशिया के सबसे बड़े सिंगल स्टेज वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WWTP ) का निरीक्षण किया।

यह 564 MLD क्षमता वाला संयंत्र अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार जल शुद्धिकरण कर रहा है।

इस संयंत्र में उन्नत ASP प्रक्रिया, टर्शियरी डिस्क फिल्टर्स और UV सिस्टम का उपयोग कर जल को ट्रीट, पॉलिश और कीटाणुरहित किया जाता है, जिससे यह प्रदूषण मुक्त और उच्च गुणवत्ता (BOD 10 और TSS 10 या उससे बेहतर) का बनता है। संयंत्र पूरी तरह स्वचालित है और SCADA सिस्टम के माध्यम से दूरस्थ निगरानी और संचालन की सुविधा भी मौजूद है।

यह संयंत्र केंद्र सरकार के सहयोग से तैयार किया गया है और दिल्ली में लगभग 40 लाख की आबादी — जिसमें पुरानी दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली, NDMC क्षेत्र और दक्षिणी दिल्ली शामिल हैं — को लाभ पहुंचा रहा है।

वर्तमान में ट्रीटेड जल को पुरानी आगरा नहर में छोड़ा जा रहा है, जबकि जल्द ही यह जल अबुल फज़ल ड्रेन के माध्यम से ओखला बैराज के डाउनस्ट्रीम में यमुना नदी में छोड़ा जाएगा। इसके लिए कार्य प्रगति पर है।

इसके अतिरिक्त, जून 2024 से प्रतिदिन 40 MLD शुद्ध जल दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में बागवानी (Horticulture) हेतु भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

इस प्लांट से 4.8 मेगावाट की हरित ऊर्जा (Green Energy) स्लज बायोगैस से उत्पन्न की जा रही है, जो संयंत्र की कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का लगभग 50% पूर्ति करती है। इससे प्राप्त CLASS-A गुणवत्ता की गंधहीन, रोगाणु मुक्त स्लज को जैविक खाद या मिट्टी सुधारक के रूप में सुरक्षित रूप से प्रयोग में लाया जा सकता है। यह भारत का पहला संयंत्र है जो CLASS-A स्लज का उत्पादन कर रहा है।

यमुना में प्रदूषण की रोकथाम में बड़ा योगदान

यह प्लांट ओखला में लगभग 30 MGD अतिरिक्त ट्रीटमेंट क्षमता जोड़ता है। बरापुला ड्रेन और महारानी बाग ड्रेन से आने वाले लगभग 35 MGD सीवेज को अब इस संयंत्र में ट्रीट कर यमुना में छोड़ा जाएगा, जिससे नदी में जाने वाला अशोधित सीवेज काफी हद तक कम होगा।

निरीक्षण के पश्चात PWD मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जलशोधन की अत्याधुनिक व्यवस्था के माध्यम से हम यमुना को स्वच्छ बनाने और दिल्ली की नालियों को सीवर मुक्त करने की दिशा में ठोस और निर्णायक कदम उठा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि राजधानी को एक स्वच्छ, सतत और जिम्मेदार शहर के रूप में विकसित किया जाए।”

यह पहल ‘विकसित भारत’ के निर्माण में एक अहम योगदान है, जो न सिर्फ जल प्रबंधन को सशक्त बना रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के दृष्टिकोण को भी मज़बूत कर रही है।

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