नई दिल्ली,7 अप्रैल। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले को ‘अन्यायपूर्ण’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक वह जीवित हैं, किसी भी योग्य शिक्षक की नौकरी नहीं जाएगी।
ममता बनर्जी ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में प्रभावित शिक्षकों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, “हम पत्थर दिल नहीं हैं। मैं यह कहने के लिए जेल भी जा सकती हूं, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि यह फैसला भाजपा द्वारा रची गई साजिश है, जिसका उद्देश्य इन शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी से रोकना है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने की एक सुनियोजित कोशिश है और इन योग्य शिक्षकों को चोर बताना पूरी तरह से गलत और अन्यायपूर्ण है।
ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेगी, लेकिन अन्य कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है। उन्होंने प्रभावित शिक्षकों को आश्वासन दिया कि वे निराश न हों और सरकार उनके साथ खड़ी है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री पर आरोप लगाए।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने खाली पदों को तुरंत भरने की अपील की है।