योग नेचुरापेथी पर बनेगा केंद्रीय कानून – प्रतापराव जाधव

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31 मार्च 25 । केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव की अध्यक्षता में डिप्टी चेयरमैन हाल, कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली में योग नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (NCISM) एक्ट व नेशनल आयुष मिशन (NAM) में सम्मिलित करने और भारत सरकार द्वारा नेचुरोपैथी चिकित्सकों की पंजीकरण प्रक्रिया यथा: शिघ्र आरंभ करने पर नेचुरोपैथी – योग विशेषज्ञों, हित धारकों (Stake Holders) व संसद सदस्यों के साथ एक विशेष बैठक का आयोजन दिनांक 28 मार्च, 2025 को देश की प्रतिष्ठित नेचुरोपैथी की संस्था सूर्या फाउण्डेशन व इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन (INO) द्वारा किया गया।

आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय योग – नेचुरोपैथी को जन सामान्य तक पहुंचने का रचनात्मक प्रयास कर रहें है। वर्ष 2014 के बाद देश के विभिन्न राज्यों में अनेक प्राकृतिक चिकित्सालयों का निर्माण हुआ है जहां पर इस प्रभावशाली पद्धति द्वारा लोगो को आरोग्य प्रदान किया जा रहा है। बैठक के दौरान श्री प्रतापराव जाधव ने नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (NCISM) एक्ट में सम्मिलित करने हेतु सभी हित धारकों से सुझाव मांगे हैं साथ ही यह आश्वासन दिया कि INO द्वारा हित धारकों (Stake Holders) के साथ मिलकर बताए गए प्रमुख सुझाव के अनुसार योग – नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (NCISM) एक्ट में सम्मिलित करेंगे साथ ही वो योग – नेचुरोपैथी को अन्य आयुष चिकित्सा पद्धतियों के समकक्ष लाने का भी प्रयास करेंगे। बैठक में श्री प्रतापराव जाधव ने योग – नेचुरोपैथी को नेशनल आयुष मिशन (NAM) में अनिवार्य घटक (Mandatory Component) के रूप में सम्मिलित करने एवं आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने के प्रयासों पर भी अपनी बात रखी।

बैठक में INO के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत बिरादार ने उपस्थित संसद सदस्यों, प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञों व हित धारकों (Stake Holders) का स्वागत करते हुए मोदी सरकार द्वारा योग – नेचुरोपैथी के समग्र विकास व प्रचार-प्रसार हेतु आरंभ की गई अनेक रचनात्मक योजनाएं, जैसे:- नेशनल आयुष मिशन, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, असम, सिक्किम व अन्य प्रांतों में किये गए अन्य प्रकल्पों की विस्तार से जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया साथ ही इस अवसर पर आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव के नेतृत्व में आरंभ की जा रही नई योजनाओं की भी प्रशंसा की। बैठक में डॉ. अनंत बिरादार ने बताया की योग एवं नेचुरोपैथी आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन आधिकारिक स्वदेशी चिकित्सा पद्धतियोंमें से एक है। योग – नेचुरोपैथी को 1961 से कैबिनेट सचिवालय के कार्य आवंटन नियमों में स्थान मिल रहा है। 1969 में, भारत सरकार ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी पद्धतियों में अनुसंधान के लिए एक केंद्रीय परिषद का गठन किया था और 1978 में, इसमें से चार नई केंद्रीय अनुसंधान परिषदें- आयुर्वेद एवं सिद्ध (CCRAS), योग एवं प्राकृतिकचिकित्सा (CCRYN), यूनानी (CCRUM) और होम्योपैथी (CCRH) बनी।

INO के राष्ट्रीय अध्यक्ष – डॉ. अनंत बिरादार ने अभी तक योग – नेचुरोपैथी केन्द्रीय विनियमन (Central Regulation) नहीं बनाने पर खेद प्रकट करते हुआ कहा की देश भर में हजारों प्राकृतिक चिकित्सक निस्वार्थ सेवा भाव से इस दवा रहित थैरेपी से लोगो को आरोग्य प्रदान कर रहे हैं लेकिन बावजूद इसके अभी तक इन्हें मान्यता नहीं मिली है। इस अवसर पर डॉ.अनंत बिरादार ने ‘योग नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (NCISM) एक्ट व नेशनल आयुष मिशन (NAM) में सम्मिलित करने की बात को माननीय आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधव के समक्ष रखते हुए कहा कि आज देश भर से पहुंचे नेचुरोपैथी हितधारकों की यह दिल की आवाज है जिसे निश्चित रूप से पूरी किया जाना चाहिए।

बैठक में वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, डॉ. राघवेंद्र राव निदेशक – केन्द्रीय योग नेचुरोपैथी अनुसंधान परिषद् (CCRYN), डॉ. काशीनाथ समगंडी, निदेशक – मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान(MDNIY), संसद सदस्य फग्गन सिंह कुलस्ते, अनुराग ठाकुर, डॉ. भोला सिंह, राजू बिष्ट, शंकर सिंह लालवानी, रमेश अवस्थी, स्मिता वाघ, हरीभाई पटेल, मनोज तिग्गा, ईरण्ण कडाडी, निलेश लंके, डॉ. जयंत कुमार राय व अन्य संसद सदस्य उपस्थित रहकर योग – नेचुरोपैथी के समग्र विकास हेतु अपना समर्थन दिया। बैठक में उपस्थित सभी संसद सदस्यों ने योग – नेचुरोपैथी पर INO द्वारा दिए गए सुझावों का समर्थन करते हुए इन विषयों को संसद में उठाने का आश्वासन दिया। श्री शंकर सिंह लालवानी ने बताया की INO द्वारा दिए गए सुझाव तर्कसंगत हैं। योग – नेचुरोपैथी को NCISM एक्ट में सम्मिलित करने की मांग उचित है।

आयुष मंत्री के साथ बैठक से पूर्व, INO केन्द्रीय कार्यालय नई दिल्ली में हित धारकों (Stake Holders) के साथ पूरे दिन बैठक आयोजित की गई जिसमें डॉ. बी टी सी चिदानंद मूर्ति (कर्नाटक), डॉ. भरत भाई शाह (गुजरात), डॉ. जितेंद्र आर्य (महाराष्ट्र), डॉ. विमल कुमार मोदी (उत्तर प्रदेश), डॉ. विजयलक्ष्मी रेड्डी (तेलंगाना), डॉ. एस के माधवन (केरल), डॉ. नागेंद्र नीरज (उत्तराखंड), डॉ. एस एन पांडे (दिल्ली), डॉ. अमित नागपाल (दिल्ली), आचार्य मोहन गुप्ता (दिल्ली), डॉ. डी एन शर्मा (उत्तराखंड), डॉ. आर एस डबास (दिल्ली), डॉ. रमेश टेवानी (मध्य प्रदेश), डॉ. मदन मानव (हरियाणा), डॉ. राजकुमार (मणिपुर), डॉ. नवदीप जोशी (दिल्ली), श्री मंजूनाथ स्वामी (कर्नाटक) आदि हित धारक (Stake Holders) उपस्थित हुए। इस बैठक की कार्यवाही के अंतर्गत सर्वसम्मति से एक संकल्प (Resolution) पारित किया गया जिसे INO के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत बिरादार ने आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव के समक्ष रखा। संकल्प मेंपारित किये गए बिन्दु इस प्रकार से है-

1.भारत सरकार के आयुष विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश दिनाँक 4-9-2006 के अनुसार जो नेचुरोपैथी की प्रेक्टिस कर रहे हैं, उन सभी प्राकृतिक चिकित्सकों को केन्द्रीय पंजीयन दिया जाए।

2. नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसन(NCISM) अधिनियम 2020 में योग-नेचुरोपैथी चिकित्सा प्रणाली को सम्मिलित किया जाए अथवा योग – नेचुरोपैथी चिकित्सा प्रणाली के लिए अलग से राष्ट्रीय योग – नेचुरोपैथी चिकित्सा प्रणाली आयोग का गठन किया जाए

·3. राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) के अनिवार्य घटकों (Mandatory Component) में योग-नेचुरोपैथी को सम्मिलित किया जाए।

4.आयुष्मान भारत योजना में योग नेचुरोपैथी चिकित्सा प्रणाली को सम्मिलित किया जाए।

5.योग नेचुरोपैथी के अस्पतालों के लिए अनुदान (Grant-in-Aid)को पुनःआरंभ किया जाए।

केन्द्रीय योग व नेचुरोपैथी अनुसंधान परिषद (CCRYN), मोरारजी देसाईराष्ट्रीय योग संस्थान (MDNIY) व राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (NIN) – इन तीनों स्वायत संस्था की कार्य प्रणाली की निगरानी हेतु आयुष मंत्रालय में सलाहकार (योग – नेचुरोपैथी) के पद पर, जो 2017 से रिक्त है, तदर्थ (Adhoc) आधार पर योग्य व्यक्ति को शीघ्र नियुक्त किया जाए। राष्ट्रगान के साथ इस बैठक का समापन हुआ।

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