नई दिल्ली । 12 मार्च 25 । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि नॉर्थईस्ट, भारतीय संस्कृति का एक अमूल्य गहना है और यह क्षेत्र भारत की संस्कृति को समृद्ध करने वाली विरासत से लैस है। उन्होंने कहा कि नॉर्थईस्ट में पूरी दुनिया को पर्यटन की दृष्टि से आकर्षित करने की क्षमता है। साथ ही नॉर्थईस्ट में भारत के सबसे ज़्यादा IQ वाले युवा हैं और सबसे मेहनती जनजातियां यहीं हैं। सहरे शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में 220 से अधिक जनजातीय समूह, 160 से अधिक जनजातियां, 200 से अधिक बोलियां और भाषाएं, 50 यूनिक प्रकार के त्यौहार और पूरी दुनिया में प्रसिद्ध 30 से अधिक नृत्य शैलियां हैं।
अमित शाह ने कहा कि इतनी सारी विशेषताएं होने के बावजूद हमारा नॉर्थईस्ट विकास में पिछड़ गया क्योंकि एक समय था जब अलग-अलग प्रकार के मतिभ्रम और विवाद पैदा कर आतंकवाद और अलगाववाद को खड़ा किया गया। हिंसा, बंद, ड्रग्स, ब्लाकेड और प्रांतवाद ने हमारे नॉर्थईस्ट को टुकड़ों में बांट दिया। उन्होंने कहा कि इसने हमारे उत्तरपूर्व को मानसिक रूप से न सिर्फ देश से बल्कि पूर्वोत्तर के राज्यों को भी एक दूसरे से अलग करने का काम किया। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप हमारा नॉर्थईस्ट विकास की दृष्टि से 40 साल तक पिछड़ता चला गया और इसमे सबसे बड़े बाधक आतंकवादी और अलगाववादी समूह बने।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब भी उनकी पार्टी की सरकार आई तो उसने पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि पहले इतने बड़े और पिछड़े भूभाग के लिए कोई अलग मंत्रालय नहीं था लेकिन अटल जी की सरकार में इसकी स्थापना की गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने केंद्र सरकार के हर कार्यक्रम में नॉर्थईस्ट को केंद्र बिंदु बनाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उसने नॉर्थईस्ट और भारत के बाकी भागों के बीच की दूरी को कम कर दिया। श्री शाह ने कहा कि उत्तरपूर्व के हर राज्य की राजधानी 2027 तक रेल, हवाई मार्ग और सड़क नेटवर्क से जुड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने न सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ाकर उत्तरपूर्व को भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ा, बल्कि फिज़िकल दूरी के साथ-साथ दिलों की दूरियां मिटाने का काम भी किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हर योजना के केन्द्र में पूर्वोत्तर को रखकर और एक के बाद एक वहां के हर उग्रवादी समूह से चर्चा कर उनकी समस्याओं को सुन, समझ और उनके साथ समझौते कर उन्हें मेनस्ट्रीम में लाने का काम किया।
अमित शाह ने कहा कि उत्तरपूर्व आज शांति का अनुभव कर रहा है। वर्ष 2004 से 2014 के बीच नॉर्थईस्ट में 11 हज़ार हिंसा की घटनाएं हुईं जबकि 2014 से 2024 के बीच सगभग 70 प्रतिशत की कमी के साथ ये संख्या 3428 रह गई। सुरक्षाबलों की मृत्यु में 70 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु में 89 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि सभी उग्रवादी समूहों के साथ मोदी सरकार ने समझौते किए और लगभग 10,500 से ज़्यादा विद्रोही हथियार डालकर मेनस्ट्रीम में आए हैं। श्री शाह ने कहा कि 10 साल में हमने विद्रोही समूहों के साथ 12 महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। सरकार ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत के तहत पूर्वोत्तर की भाषाओं, बोलियों, संस्कृति, वेशभूषा, परंपरागत नृत्य और कलाओं को सम्मानित और संरक्षित किया तथा 10 हज़ार से ज्यादा लोगों से हथियार डलवाकर पूरे उत्तरपूर्व में शांति का माहौल खड़ा किया।
अमित शाह ने कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास शांति के बिना नहीं हो सकता क्योंकि शांति विकास की पूर्व शर्त है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने उत्तरपूर्व को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के माध्यम से बहुत फायदा पहुंचाया है। North Eastern Space Applications Centre (NESAC) के माध्यम से लगभग 110 योजनाएं चलाईं गई हैं। उन्होंने कहा कि नॉर्थईस्ट के बाढ़ प्रबंधन के लिए सैटेलाइट से मैपिंग और टोपोग्राफी का अभ्यास कर आने वाले दिनों में नॉर्थईस्ट में 300 से अधिक झीलें बनेंगी जो इस क्षेत्र में स्थाई बाढ़ प्रबंधन कर देंगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में पिछले 10 साल में पूर्वोत्तर के विकास के लिए कई प्रयास किए गए और बजट प्रावधान को भी बढ़ाया। वर्ष 2014-15 की तुलना में 2024-25 के बजट में 153 प्रतिशत की वृद्धि करने का काम नरेन्द्र मोदी जी ने किया। उन्होंने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सड़कों पर 41 हज़ार करोड़ रूपए और ग्रामीण सड़कों पर 47 हज़ार करोड़ रूपए खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि एक प्रकार से 90 हज़ार करोड़ रूपए नॉर्थईस्ट में सिर्फ सड़कों के लिए मोदी सरकार ने खर्च किए। हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 64 नए रूट शुरू किए, वायब्रेंट विलेज कार्यक्रम में 4800 करोड़ रूपए खर्च किए और रेलवे के विकास लिए 18 हज़ार करोड़ रूपए दिए।
अमित शाह ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा रेल-कम-रोड ब्रिज ब्रह्मपुत्र नदी पर बना है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने भूपेन हज़ारिका सेतु बनाया, अरूणाचल को ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट दिया, रेलवे का 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन किया, असम से भूटान तक रेल लाइन बन रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 2027 तक नॉर्थईस्ट के सभी राज्यों की राजधानी ट्रेन, विमान व सड़क से जुड़ जाएगी। मोदी सरकार में पूर्वोत्तर की physical दूरी के साथ-साथ दिलों की दूरी भी कम की है। उन्होंने कहा कि सिक्किम में 100 प्रतिशत ऑर्गेनिक खेती का लक्ष्य भी हमारी सरकार के कार्यकाल में सिद्ध हुआ। उन्होंने कहा कि आज असम में 27 हज़ार करोड़ रूपए का सेमीकंडक्टर का प्लांट आ रहा है जो युवाओं को नौकरी के मौके देगा। श्री शाह ने यह भी कहा कि नॉर्थईस्ट में ढाई लाख करोड़ रूपए का निवेश और आ रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इन 10 साल में नींव डालने का काम हुआ है। अगले 10 साल में नॉर्थईस्ट के किसी बच्चे को देश के किसी और हिस्से में काम करने नहीं जाना पड़ेगा और यहीं उसे रोजगार मिलेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान हमने संकल्प किया है कि 2047 तक भारत एक पूर्ण विकसित राष्ट्र होगा और पूरी दुनिया में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम होगा। भारत माता 2047 में अपने संपूर्ण तेज और ओज के साथ विश्व के सामने खड़ी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि हर क्षेत्र में भारत विश्व में अग्रणी हो, महर्षि अरबिंदो और स्वामी विवेकानंद जी का यह सपना अब साकार होता दिख रहा है। अमित शाह ने कहा कि इस प्रक्रिया में युवाओं को जोड़ने के लिए हमारी सरकार ने कई प्रयास किये हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी सबसे पहले नई शिक्षा नीति लाए जिसमें हमने अपनी भाषाओं को संजोकर रखने का आग्रह किया है और मातृभाषा को महत्व दिया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारी शिक्षा लोकल और ग्लोबल होगी और युवाओं के लिए कई मौकों का सृजन भी करेगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि नॉर्थईस्ट, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और भारत सरकार के दिल के बहुत नज़दीक है। उन्होंने कहा कि सिर्फ बजट आवंटन नहीं बल्कि नॉर्थईस्ट का विकास, एकता और शांति के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार पूर्ण रूप से कटिबद्ध है।
अमित शाह ने कहा कि छात्र संसद बहुत अच्छा आयोजन है लेकिन इसे यहां समाप्त नहीं करना चाहिए बल्कि इसे और संगठनों और विद्यार्थी परिषद के बीच सेतु बनाने के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनानया चाहिए जिससे सारे युवा संगठन देश की ताकत का एक हिस्सा बन जाएं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद युवाओं को सही दिशा दिखाने के साथ-साथ उनके चरित्र का निर्माण भी करती है। श्री शाह ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन ने हर प्रकल्प में, चाहे आपदा में सहयोग हो या राष्ट्रीय संकट में मदद, हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि Students’ Experience in Inter-State Living (SEIL) ने उत्तर-पूर्व को पूरे देश के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ा है। आज देश में 4000 से अधिक ऐसे परिवार हैं जहां नॉर्थईस्ट के बच्चे काफी दिन तक रह कर SEIL के साथ पत्र व्यवहार कर रहे हैं। इससे बड़ी ताकत किसी कार्यक्रम की नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने संगठनात्मक समर्पण की निर्मिति पूरे संगठन में की है तभी SEIL जैसे कार्यक्रम इतने वर्षों से चल रहे हैं।