भारत में बिना वैध पासपोर्ट के प्रवेश पर होगी 5 साल की जेल, सरकार ने किए सख्त प्रावधान

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नई दिल्ली,12 मार्च। भारत सरकार ने बिना वैध पासपोर्ट के देश में प्रवेश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। नए प्रावधानों के तहत अब बिना वैध पासपोर्ट के भारत में घुसने पर 5 साल तक की जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यह निर्णय देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और अवैध प्रवासियों की संख्या पर नियंत्रण के उद्देश्य से लिया गया है।

क्या हैं नए नियम?

सरकार ने विदेशी नागरिकों के भारत में प्रवेश को लेकर नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत:

  • बिना वैध पासपोर्ट और वीजा के भारत में प्रवेश करने पर 5 साल तक की जेल की सजा दी जाएगी।
  • दोषी पाए जाने पर 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
  • आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद फॉरेनर्स एक्ट और पासपोर्ट एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
  • दोषी पाए गए व्यक्ति को सजा पूरी करने के बाद तुरंत निर्वासित (डिपोर्ट) किया जाएगा
सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की पहल

भारत सरकार ने हाल ही में देश की सीमाओं पर अवैध प्रवेश को रोकने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।

  • सीमा सुरक्षा बल (BSF) और आव्रजन विभाग को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना वैध दस्तावेजों के प्रवेश करने वालों पर कड़ी निगरानी रखें।
  • हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और समुद्री बंदरगाहों पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया गया है।
  • राज्यों को निर्देश दिया गया है कि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान करके उन्हें तुरंत देश से बाहर किया जाए।
पुराने कानूनों में बदलाव

पहले अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने पर फॉरेनर्स एक्ट, 1946 और पासपोर्ट एक्ट, 1967 के तहत सजा का प्रावधान था, लेकिन इसमें अधिकतम सजा सिर्फ 2 साल थी।

  • नए संशोधन के बाद अब यह सजा बढ़ाकर 5 साल कर दी गई है।
  • जुर्माने की राशि भी पहले से अधिक कर दी गई है।
सरकार का रुख

गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन रही है।

  • गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए पूरे देश में एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
  • उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वालों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकार के आंकड़ों के अनुसार:
  • पिछले 5 वर्षों में भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले करीब 35,000 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है।
  • इनमें से अधिकतर लोग बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार और नेपाल से आए थे।
  • 2024 में ही अब तक करीब 5,000 अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया जा चुका है।
  • शरणार्थियों (Refugees) के लिए संयुक्त राष्ट्र के नियमों का पालन किया जाएगा।
  • धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत राहत दी जा सकती है।
  • लेकिन बिना वैध पासपोर्ट के प्रवेश करने वालों को किसी भी हाल में सजा से छूट नहीं मिलेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है।
  • विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वालों के कारण सुरक्षा चुनौतियां और आर्थिक दबाव बढ़ रहा था।
  • इससे जासूसी, आतंकवाद और मानव तस्करी जैसी गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा था।

भारत सरकार द्वारा बिना वैध पासपोर्ट के प्रवेश पर 5 साल की जेल का प्रावधान देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस फैसले से अवैध प्रवासियों की संख्या में कमी आएगी और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार का रुख और सख्त होगा।

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