नई दिल्ली,6 मार्च। भारत सरकार ने रक्षा खरीद प्रक्रिया में सुधार और तेज़ी लाने के उद्देश्य से एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक (अधिग्रहण) करेंगे। समिति का मुख्य उद्देश्य रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) 2020 में सुधार करना है, ताकि सशस्त्र बलों को आवश्यक हथियारों और उपकरणों की आपूर्ति में होने वाली देरी को कम किया जा सके।
प्रमुख बिंदु:
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तेज़ और पारदर्शी प्रक्रिया: समिति का लक्ष्य रक्षा खरीद प्रक्रिया को तेज़, पारदर्शी और कुशल बनाना है, जिससे सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को समय पर पूरा किया जा सके।
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सुधारों का वर्ष 2025: रक्षा मंत्रालय ने 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया है, जिसका उद्देश्य सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत और युद्ध के लिए तैयार बनाना है।
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आधुनिकीकरण पर जोर: सुधारों के तहत, सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के लिए रक्षा उत्पादन और निर्यात को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इन सुधारों का उद्देश्य भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूत करना और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों को सशक्त बनाना है।