कर्नाटक ,1 मार्च। कर्नाटक सरकार ने राज्य में टैटू पार्लरों के लिए सख्त नियम लागू करने का निर्णय लिया है। यह कदम टैटू स्याही के नमूनों में 22 प्रकार की खतरनाक धातुओं की उपस्थिति के बाद उठाया गया है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा:
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा किए गए परीक्षणों में टैटू स्याही के नमूनों में सेलेनियम, क्रोमियम, प्लैटिनम और आर्सेनिक जैसी भारी धातुएं पाई गई हैं। ये तत्व त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर बैक्टीरिया, वायरल और फंगल संक्रमण सहित विभिन्न त्वचा रोगों का कारण बन सकते हैं।
केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग:
मौजूदा समय में टैटू स्याही के लिए कोई विशेष कानून या भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के मानक नहीं हैं, और यह ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत भी नहीं आता। इसलिए, राज्य सरकार केंद्र से हस्तक्षेप की मांग करेगी ताकि टैटू स्याही के लिए उचित दिशानिर्देश और मानक स्थापित किए जा सकें।
स्वास्थ्य जोखिम और आगामी कदम:
टैटू स्याही में मौजूद रसायन धीरे-धीरे शरीर में घुलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। इसलिए, राज्य सरकार टैटू पार्लरों के लिए सख्त नियम लागू करने की योजना बना रही है और केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर उचित दिशानिर्देश जारी करने का अनुरोध करेगी।
इस पहल का उद्देश्य टैटू प्रेमियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और टैटू उद्योग में मानकीकरण लाना है, जिससे संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को कम किया जा सके।