वाशिंगटन ,22 फरवरी। भारतवंशी कश्यप काश पटेल ने शनिवार को भगवद गीता पर हाथ रखकर अमेरिकी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के डायरेक्टर पद की शपथ ली। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने उन्हें पद की शपथ दिलाई।
ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी उनकी तारीफ की और कहा कि वे FBI एजेंट्स के बीच काफी लोकप्रिय हैं, इसलिए वे उन्हें यह अहम जिम्मेदारी देना चाहते थे। ट्रम्प ने कहा कि उन्हें यकीन है कि पटेल अब तक के सबसे काबिल FBI डायरेक्टर के रूप में जाने जाएंगे।
पटेल बोले- अमेरिकन ड्रीम को जी रहा हूं काश पटेल FBI का नेतृत्व करने वाले नौंवे अधिकारी हैं। उन्होंने शपथ लेने के बाद कहा कि कई लोग कहते हैं कि ‘अमेरिकन ड्रीम’ खत्म हो चुका है। लेकिन उन्हें यह देखना चाहिए कि मैं अमेरिकन ड्रीम को जी रहा हूं।
2 रिपब्लिकन सीनेटर ने काश पटेल के खिलाफ वोटिंग की अमेरिकी सीनेट में काश पटेल की नियुक्ति की मंजूरी गुरुवार को 51-49 मतों के अंतर से मिली थी मिली। डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों के अलावा पटेल के विरोध में दो रिपब्लिकन सांसद सुसान कॉलिन्स और लिसा मर्कोव्स्की दोमात्र ने वोट किया था।
विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों को इस बात का डर है कि काश पटेल पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प के आदेशों का पालन करेंगे और उनके विरोधियों को निशाना बनाएंगे।
गुजराती परिवार में जन्मे, माता-पिता युगांडा से भागे काश पटेल भारतीय प्रवासी के बेटे हैं। उनका जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ था। काश पटेल के माता-पिता युगांडा के शासक ईदी अमीन के देश छोड़ने के फरमान से डरकर 1970 के दशक में भागकर कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचे थे। 1988 में पटेल के पिता को अमेरिका की नागरिकता मिलने के बाद एक एरोप्लेन कंपनी में नौकरी मिली।
2004 में कानून की डिग्री हासिल करने के बाद जब पटेल को किसी बड़ी लॉ फर्म में नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने एक सरकारी वकील के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। हालांकि, ड्रीम जॉब के लिए उन्हें 9 साल तक इंतजार करना पड़ा।
काश पटेल 2013 में वॉशिंगटन में न्याय विभाग में शामिल हुए। यहां तीन साल बाद 2016 में पटेल को खुफिया मामले से जुड़ी एक स्थायी समिति में कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया। इस विभाग के चीफ डेविड नून्स थे, जो ट्रम्प के कट्टर सहयोगी थे।