नई दिल्ली 21 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता ने राजनीति में बड़ी वापसी करते हुए दिल्ली विधानसभा के स्पीकर का पद संभाल लिया है। दिलचस्प बात यह है कि 2015 में जब आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनी थी, तब उन्हें विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया था। अब उसी सदन में वे अध्यक्ष के रूप में लौटे हैं।
2015 में क्या हुआ था?
2015 में आम आदमी पार्टी को दिल्ली विधानसभा में प्रचंड बहुमत मिला था, और विपक्ष के तौर पर केवल तीन विधायक थे। उस समय विजेंद्र गुप्ता बीजेपी के नेता के रूप में मुखर विपक्षी भूमिका निभा रहे थे। सदन में कई बार उनकी आम आदमी पार्टी के विधायकों और स्पीकर से तीखी नोकझोंक हुई, जिसके चलते उन्हें कुछ मौकों पर सदन से बाहर कर दिया गया था।
अब स्पीकर के रूप में वापसी
2025 में दिल्ली विधानसभा में सत्ता समीकरण बदलने के बाद, विजेंद्र गुप्ता को सदन का स्पीकर नियुक्त किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में संवाद और बहस जरूरी हैं। मेरा प्रयास रहेगा कि सदन में सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिले और स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन किया जाए।”
राजनीतिक हलकों में चर्चा
विजेंद्र गुप्ता की इस वापसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। बीजेपी इसे अपनी बड़ी जीत बता रही है, जबकि AAP का कहना है कि सत्ता परिवर्तन के बाद ऐसे फैसले स्वाभाविक हैं।
आगे की राह
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बतौर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता सदन की कार्यवाही कैसे संभालते हैं और विपक्ष के साथ किस तरह का संतुलन बनाए रखते हैं। उनके अनुभव और राजनीतिक सफर को देखते हुए उनसे प्रभावी नेतृत्व की उम्मीद की जा रही है।