नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने मंत्री आतिशी और कुछ पूर्व मंत्रियों के पर्सनल स्टाफ को हटा दिया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस फैसले को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्ष के बीच सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने यह कदम प्रशासनिक आदेशों और नियमों के पालन के तहत उठाया है। हटाए गए स्टाफ में ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी), सलाहकार और अन्य कर्मी शामिल हैं, जो विभिन्न मंत्रियों के साथ काम कर रहे थे।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आज दोपहर में मंत्रियों और अफसरों के साथ एक मीटिंग करेंगी। इसमें दिल्ली जल बोर्ड और PWD के अधिकारियों को खास तौर पर बुलाया गया है। PWD मंत्री प्रवेश वर्मा भी इस बैठक में शामिल होंगे। मीटिंग में खराब सड़कों और पानी के मुद्दे पर चर्चा होगी।
इसके अलावा नई सरकार का विधानसभा सत्र 24 फरवरी से शुरू होगा। यह तीन दिन तक चलेगा और 27 फरवरी को खत्म होगा। सदन में नए विधायकों का शपथ ग्रहण होगा। तीसरे दिन CAG की 14 रिपोर्ट सदन में रखी जाएंगी।
आतिशी ने उठाए सवाल
मंत्री आतिशी ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, “यह दिल्ली सरकार को कमजोर करने की साजिश है। बिना किसी पूर्व सूचना के हमारे पर्सनल स्टाफ को हटा दिया गया, जिससे सरकारी कार्यों में बाधा आएगी।”
सरकार का पक्ष
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह फैसला नियमानुसार लिया गया है। अधिकारी के मुताबिक, “कुछ स्टाफ की नियुक्तियां निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप नहीं थीं, इसलिए उन्हें हटाया गया है।”
विपक्ष ने साधा निशाना
इस फैसले पर बीजेपी और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि दिल्ली सरकार खुद नियमों का पालन नहीं करती और अब नियमों का हवाला दे रही है।
क्या होगा आगे?
इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी अगली रणनीति पर विचार कर रही है। आतिशी और अन्य नेताओं ने कहा है कि वे इसे लेकर उच्च अधिकारियों से बात करेंगे और जरूरत पड़ी तो अदालत का भी रुख किया जाएगा।
अब देखना होगा कि यह मामला आगे क्या रुख लेता है और क्या दिल्ली सरकार अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करेगी या नहीं।