गुजरात के रास्ते भारत लाई जा सकती हैं टेस्ला कारें

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नई दिल्ली,20 फरवरी। दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वान (EV) बनाने वाली कंपनी टेस्ला का भारतीय कार बाजार में प्रवेश करना तय हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क ने उनसे मुलाकात की थी। तब से ही टेस्ला के भारत आने की संभावना बढ़ गई है।

टेस्ला की कारों को जर्मनी से गुजरात के कांडला या मुंद्रा बंदरगाह के रास्ते भारत में लाया जा सकता है। इन दोनों पोर्ट पर कारों की हैंडलिंग के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है। हालांकि मुंबई पोर्ट भी टेस्ला कारों के इंपोर्ट के लिए विकल्प हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी चाहते थे कि टेस्ला भारत में प्रोडक्शन शुरू करे, लेकिन एलन मस्क फिलहाल चाहते हैं कि भारत में कारें जर्मनी के बर्लिन स्थित प्लांट से आयात की जाएं।

मुंबई पोर्ट भी टेस्ला के लिए एक अच्छा विकल्प है। मुंबई बंदरगाह पर वर्तमान कार्गो हैंडलिंग को देखते हुए, उत्तर भारत और अन्य राज्यों के बंदरगाहों से कारों का परिवहन गुजरात की तुलना में आसान होगा। सूत्रों के अनुसार, टेस्ला शुरुआत में बड़ी मात्रा में आयात शुरू नहीं करेगी। भारत के बाजार में EV उपलब्ध हैं। टेस्ला पहले यहां बाजार में अपनी मौजूदगी स्थापित करने का प्रयास करेगी। एक अनुमान के अनुसार फिलहाल हर महीने एक या दो मालवाहक जहाज कारें लेकर भारत आ सकते हैं। उन्हें गुजरात के कांडला या मुंद्रा बंदरगाहों पर उतारा जाएगा।

टेस्ला ने भारत में भर्ती प्रक्रिया शुरू की

टेस्ला ने भारत में भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है यानी टेस्ला जल्द ही भारत में प्रवेश कर सकती है। 17 फरवरी को टेस्ला ने लिंक्डइन पर 13 पदों के लिए भर्ती की घोषणा की। इसमें ग्राहक सेवा और बैक-एंड ऑपरेशन से जुड़े पद शामिल हैं।

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