महाराष्ट्र ,19 फरवरी। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ किसी भी तरह के मतभेद की खबरों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि महायुति गठबंधन (बीजेपी-एनसीपी-शिवसेना) में सब कुछ ठीक है और उनके बीच किसी भी तरह का कोई कोल्ड वॉर नहीं चल रहा है।
इनके बीच अनबन की खबरें तब चर्चा में आई जब शिंदे ने मुख्यमंत्री रिलीफ फंड के जैसा मेडिकल सेल बना दिया। शिंदे के इस कदम को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए थे। शिंदे ने मंगलवार को कहा कि यह नया सेल किसी कॉम्पीटीशन व्यवस्था के रूप में नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के वॉर रूम के साथ मिलकर काम करेगा ताकि मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।
फडणवीस ने भी विवाद को खारिज किया मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मतभेद की खबरों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, “इस तरह के सेल का गठन कोई गलत बात नहीं है, क्योंकि इसका मकसद जरूरतमंद लोगों की मदद करना है। जब मैं उपमुख्यमंत्री था, तब मैंने भी इसी तरह का सेल बनाया था।”
विपक्ष का आरोप, राज्य में दोहरी सरकार चल रही है शिंदे की यह सफाई विपक्षी दलों के आरोपों के बाद आई है, जिसमें शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने दावा किया था कि राज्य में “समानांतर सरकार चलाई जा रही है”। राउत ने कहा, अगर सरकार इसी तरह चलती रही तो महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ेगी।
शिंदे के करीबी बोले- पहले भी यही काम किया था
नए मेडिकल एड सेल के प्रमुख और शिंदे के करीबी सहयोगी मंगेश चिवटे ने इस मुद्दे पर कहा की यह कोई नई पहल नहीं है।
उन्होंने कहा, “जब शिंदे मुख्यमंत्री थे, तब भी मैं सीएम राहत कोष के जरिए यही काम कर रहा था और कई जरूरतमंद मरीजों की मदद की थी। अब यह नया सेल फंड बांटेगा नहीं, बल्कि जरूरतमंद मरीजों को मदद करेगा।”
शिंदे गुट के 20 विधायकों की Y-कैटेगरी सुरक्षा घटाई
हाल ही में महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे गुट के 20 विधायकों की Y कैटेगरी सुरक्षा हटा ली गई है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन विधायकों की सुरक्षा में सिर्फ एक कॉन्स्टेबल तैनात किया गया है।
वहीं, भाजपा और NCP (अजित गुट) के कुछ विधायकों की सुरक्षा घटाने की खबर है। हालांकि, न तो शासन ने इस पर बयान जारी किया है, न ही विधायकों ने कुछ बोला है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि शिंदे इस फैसले से नाराज हैं।