नई दिल्ली,14 फरवरी। मणिपुर में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। इस निर्णय के प्रति राज्य के प्रमुख समुदायों—मैतेई और कुकी—की प्रतिक्रियाएँ भिन्न रही हैं।
मैतेई समुदाय की प्रतिक्रिया:
मैतेई समुदाय, जो राज्य की बहुसंख्यक आबादी का हिस्सा है, ने राष्ट्रपति शासन लागू होने पर असंतोष व्यक्त किया है। उनका मानना है कि निर्वाचित सरकार के स्थान पर केंद्र का प्रत्यक्ष नियंत्रण राज्य के स्वायत्तता और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। मैतेई नेताओं का कहना है कि स्थानीय मुद्दों का समाधान स्थानीय नेतृत्व के माध्यम से ही संभव है, और राष्ट्रपति शासन से उनकी आवाज़ दब सकती है।
कुकी समुदाय की प्रतिक्रिया:
दूसरी ओर, कुकी समुदाय ने राष्ट्रपति शासन का समर्थन किया है। उनका मानना है कि राज्य में जारी जातीय हिंसा और अस्थिरता के बीच केंद्र का प्रत्यक्ष हस्तक्षेप शांति और सुरक्षा बहाल करने में सहायक होगा। कुकी नेताओं का कहना है कि राष्ट्रपति शासन के तहत निष्पक्ष प्रशासन और कानून व्यवस्था की बहाली की उम्मीद बढ़ी है, जिससे उनके समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
मणिपुर में मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय संघर्ष जारी है, जिसमें अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, नए नेतृत्व के चयन में असफलता के कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है।
राष्ट्रपति शासन के दौरान, राज्य की प्रशासनिक जिम्मेदारी राज्यपाल के अधीन होगी, जो केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत कार्य करेंगे। इस अवधि में, राज्य की विधानसभा निलंबित रहेगी, और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार सीधे हस्तक्षेप कर सकेगी।
राज्य के दोनों प्रमुख समुदायों की विभिन्न प्रतिक्रियाओं के बीच, मणिपुर में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए केंद्र सरकार के प्रयास महत्वपूर्ण होंगे।
राहुल बोले- PM को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा, जान-माल के नुकसान के बावजूद पीएम मोदी ने एन बीरेन सिंह को पद पर बनाए रखा। लेकिन अब लोगों की तरफ से बढ़ते दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की वजह से एन बीरेन सिंह इस्तीफा देने को मजबूर हो गए।
X पोस्ट में उन्होंने कहा कि इस वक्त सबसे जरूरी बात यह है कि राज्य में शांति बहाल की जाए और मणिपुर के लोगों के घावों को भरने का काम किया जाए। पीएम मोदी को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए, वहां के लोगों की बात सुननी चाहिए और यह बताना चाहिए कि वे हालात सामान्य करने के लिए क्या योजना बना रहे हैं।