वाशिंगटन ,13 फरवरी। फेसबुक के को-फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक इंटरव्यू में बताया कि एक बार उन्हें पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाए जाने वाली थी। मंगलवार को एक इंटरव्यू में जुकरबर्ग ने कहा कि किसी यूजर ने फेसबुक पर प्रोफेट मोहम्मद की तस्वीर पोस्ट की थी, जिसे लेकर पाकिस्तान में उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि यह घटना किस साल हुई थी।
इस मामले में पाकिस्तानी सरकार से अपील की गई थी कि वो जुकरबर्ग को ईशनिंदा के लिए व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार ठहराए। जुकरबर्ग का कहना है कि उनका पाकिस्तान जाने कोई इरादा नहीं था, हालांकि सुरक्षा को लेकर चिंता जरूर थी।
यह खुलासा ऐसे वक्त में हुआ है जब मेटा (फेसबुक की पैरेंट कंपनी) और पाकिस्तानी सरकार के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है। पाकिस्तान में फेसबुक पर आरोप है कि वह देश के ईशनिंदा कानूनों का उल्लंघन करने वाली सामग्री की अनुमति दे रहा है।
जुकरबर्ग ने बताया कि दुनिया में कई जगहों पर अभिव्यक्ति की आजादी के मूल्य हमारे मूल्यों से काफी अलग हैं। ये देश चाहते हैं कि हम उन चीजों पर कार्रवाई करें और और प्रतिबंध लगाएं जो उनके यहां मान्य नहीं हैं।
पाकिस्तान में ईशनिंदा पर मौत की सजा तक का प्रावधान
पाकिस्तान में दुनिया का सबसे कड़ा ईशनिंदा कानून है। यहां पर कुरान या पैगम्बर का अपमान करने पर आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक हो सकती है। हालांकि मौत की सजा सुनाए जाने के बावजूद देश में किसी को फांसी नहीं मिली है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक 1990 के बाद से अब तक 80 से ज्यादा लोगों को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने मार डाला है। कई बार ऐसा होता है जब कुरान या पैगम्बर के अपमान करने की अफवाह मात्र से किसी भी जगह पर हजारों लोगों की भीड़ जुट जाती है और आरोपी पर हमला बोल देती है।