पाकिस्तान से आए 400 आस्था के फूल, कलियुग में लोग अपनों की सुध नहीं लेते

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नई दिल्ली।11 फ़रवरी 25 । गत 23 वर्षों से श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी.) विश्वभर से ज्ञात अज्ञात अस्थियां एकत्रित कर उन्हें पूर्ण सनातन रीति रिवाज से कर रही गंगा, हरिद्वार में विसर्जित।

जबकि कलयुग में यह कहना गलत नहीं होगा कि अपने ही पराए हो गए है वहीं श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी.) संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल नरेंद्र जी, राष्ट्रीय महामंत्री एवं यात्रा संयोजक विजय शर्मा, संगठन मंत्री दीपक गुप्ता 2003 से इस पुण्य कार्य ज्ञात अज्ञात लोगों की अस्थियां एकत्रित कर हर साल हरिद्वार के सती घाट पर गंगा मैया में पूरे सनातनी रीति रिवाज से प्रवाहित कर उनके मोक्ष की कामना करते है।

2011 में 135 एवं 2016 में 160 लोगो की अस्थियां पाकिस्तान से भारत में लाकर उनका विसर्जन किया और अब 9 साल बाद फिर पाकिस्तान से हिंदू एवं सिख भाइयों की 400 अस्थियां पाकिस्तान के पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत रामनाथ महाराज के द्वारा भारत ला कर अटारी/बाघा बॉर्डर पर श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी.) संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल नरेंद्र जी, राष्ट्रीय महामंत्री एवं यात्रा संयोजक विजय शर्मा, संगठन मंत्री दीपक गुप्ता एवं अन्य के सुपुर्द किया गया जो कि अब दिल्ली के प्राचीन निगम बोध घाट, जमना बाजार, कश्मीरी गेट, दिल्ली पर रखी है जिसकी 24वीं अस्थि विसर्जन यात्रा 21 फरवरी को दिल्ली के आई टी ओ से 9 बजे प्रारंभ हो कर 22 फरवरी को हरिद्वार के सती घाट पर 1 बजे 100 किलो दूध की धारा एवं सनातनी रीति रिवाज के साथ पूर्ण होगी।

2003 से इस पुण्य कार्य में कई और संस्था एवं पुण्यात्मा जुड़ गई है जो हर साल इस यात्र में सम्मिलित होते है एवं तन, मन एवं धन से सहयोग करते है। संस्था भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है जिससे जो भी इसमें सहयोग करता है उसे भारत सरकार द्वारा आयकर में 80जी के अंतर्गत छूट मिलती है।
इस पुण्य कार्य में हमने जब अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एवं कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित ज्योतिष दीनानाथ साहू, रायपुर, छत्तीसगढ़ से इस संदर्भ में ज्योतिष कारकों/कारणों को जानने के लिए बात की तो उन्होंने बताया शव का कारक शनि होता है और ज्ञात अज्ञात के कारक शनि एवं राहु होते है साथ ही शमशान का कारक भी शनि होता है जो भी इंसान इस उत्कृष्ट कार्य में तन, मन, धन से सहयोग या सम्मिलित होता है वह अपना तथाकथित कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है तथा पितृ ऋण एवं शनि की साढ़े साती/ढैया/दशा में काफी हद तक राहत/समाधान मिलता है इसलिए में सभी अपने ज्योतिष बंधु से निवेदन करता हु कि उनके जो भी जातक/जातिक को पितृ, तथाकथित काल सर्प दोष या शनि से संबंधित दोष है उनको इस कार्य में सहयोग करने का उपाय बताए साथ ही सभी पुनीतात्मा से निवेदन करूंगा कि इस कार्य में बढ़ चढ़ कर तन मन धन से सहयोग करे।

श्रीमान दीनानाथ साहू से ज्योतिषीय परामर्श के लिए फोन न 91654 88170 पर संपर्क कर सकते है।

उन्होंने इसी तथ्यों की पुष्टि करते हुए गोकर्ण एवं धुंधकारी नामक दो भाइयों की पौराणिक कथा का भी जिक्र किया साथ ही श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी.) के सभी पदाधिकारी, सदस्यों एवं सहयोगियों के इस पुण्य कार्य की भरपूर सराहना की तथा सभी के कल्याण के लिए देवो के देव महादेव से प्राथना की।

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