परीक्षा पे चर्चा-PM ने फोकस के लिए दिया क्रिकेट मंत्र

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नई दिल्ली,10 फरवरी। परीक्षा पे चर्चा के आठवें एडिशन में PM नरेंद्र मोदी ने 10वीं ओर 12वीं के स्टूडेंट्स से बोर्ड एग्जाम्स को लेकर बातचीत की।

PM ने स्टूडेंट्स से कहा- सबसे पास दिन में 24 घंटे ही होते हैं। कोई इतने ही समय में सब-कुछ कर लेता है, तो कोई यही कहता रहता है कि समय नहीं है। ऐसे में टाइम मैनेजमेंट सीखना बहुत जरूरी है।

1.पेरेंट्स-टीचर्स बच्चों की भावनाओं को समझें परिवार बच्चों को प्रेशर देता है। बच्चे को आर्टिस्ट बनना है तो कहते हैं कि इंजीनियर बनो। माता-पिता आप अपने बच्चों की इच्छाओं को समझिए, क्षमताओं को समझिए। मदद कीजिए। हमें सोचना चाहिए कि परीक्षा जरूरी है या जीवन। टीचर्स दूसरे बच्चों से तुलना न करें। कुछ कहना है तो अलग से कहें।

2. टारगेट ऐसा बनाएं जो पहुंच में हो, पकड़ में नहीं ज्यादातर लोग खुद से स्पर्धा नहीं करते, दूसरे से करते हैं। जो खुद से स्पर्धा करता है, उसका विश्वास कभी टूटता नहीं। टारगेट हमेशा ऐसा हो, जो पहुंच में हो, लेकिन पकड़ में न हो। 95% मार्क्‍स लाने का टारगेट था और 93% आए तो आप सफल हैं।

3.बॉडी पर कंट्रोल सीखने के लिए प्राणायाम करें झरने की आवाज सुनिए। आपको आवाज सुनाई दे रही है। आप लोगों को मेडिटेशन करना चाहिए। आपके मन में क्या चल रहा है, उसे भी सोचिए। अगर ऐसा कर रहे हैं तो आपका ध्यान केंद्रित हो रहा है। परेशानी, चिंता से निकलने के लिए प्राणायाम कीजिए। आपको आपकी बॉडी पर कंट्रोल होगा।

4. मन की बात पेरेंट्स से कहें, तनाव दूर होगा अगर किसी पल को जिया नहीं तो वो चला जाएगा, फिर नहीं लौटेगा। याद करें कि अपने भाई से पहले बहुत बात करते थे, अब नहीं करते। पहले स्कूल से आते ही सारी बात मां को बताते थे, अब नहीं कर रहे हैं। धीरे-धीरे आप सिमटते जाते हैं। इसके बाद डिप्रेशन में चले जाते हैं।

5. टाइम मैनेजमेंट सीखें सबसे पास दिन में 24 घंटे होते हैं। कोई इसमें सब-कुछ कर लेता है, कोई रोता रहता है कि पढ़ने का समय नहीं मिलता। वास्‍तव में वो अपना समय मैनेज करना नहीं जानते। यह सोचना चाहिए कि हम अपने समय का ज्‍यादा से ज्‍यादा उपयोग कैसे करें।

6. बच्‍चों को किताबों का जेलखाना नहीं, खुला आसमान चाहिए आप डांस करते हैं तो कैसा लगता है, अच्छा लगता है ना? आप माता-पिता को समझाइए कि हर वक्त पढ़ाई करेंगे तो तनाव रहेगा। बच्चों को दीवारों में बंद करके किताबों का ही जेलखाना बना देंगे तो बच्चे कभी भी विकास नहीं कर पाएंगे। उन्हें खुला आसमान चाहिए।

7. टीचर को बच्चों की ताकत पहचाननी होगी मैं अहमदाबाद में स्कूल में गया एक बच्चे के मां-बाप ने चिट्ठी लिखी थी कि उसे निकाल रहे हैं। बाद में टिंकरिंग लैब शुरू हुआ, वो बच्चा उसमें समय बिताने लगा। उस बच्चे ने रोबोट बनाया। उसके पास कुछ विशेष ताकत है, टीचर को पहचानना होगा।

8. पॉजिटिविटी खोजने की आदत डालें जितने दोस्त हैं, उन्हें याद करो। उनके पूरे नाम लिख सकते हो क्या? नहीं। इसका मतलब कि जिसे आप अच्छा दोस्त मानते हो उसकी जानकारी कम है। फिर सोचो कि उसके गुण लिख सकते हैं क्या। इसके बाद आपको किसी भी बात में पॉजिटिव खोजने की आदत पड़ जाएगी।

9. लीडर बनने के लिए ‘जहां कम, वहां हम’ की भावना जरूरी मॉनीटर कहे कि आप समय पर आइए फिर मैं आऊंगा, तो? उसे खुद वक्त पर आना होगा। सभी की मदद करनी होगी। तब आपको लोग स्वीकार करेंगे लीडर के तौर पर। अगर किसी को काम दिया तो उसकी कठिनाई पता करनी होगी। सिद्धांत बनाइए- जहां कम, वहां हम। लोगों का विश्वास आपकी लीडरशिप को मान्यता देगा।

10. क्रिकेटर की तरह सिर्फ बॉल को देखें प्रेशर रहता है कि इतने नंबर नहीं आए तो जिंदगी तबाह हो जाएगी। आपने देखा होगा कि स्टेडियम में खूब शोर रहता है। सब सिक्स और फोर चिल्लाते रहते हैं। बैट्समैन बॉल को देखता है। अगर आवाज पर खेलना शुरू करे तो आउट हो जाएगा। आप भी सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देंगे तो प्रेशर से उबर जाएंगे।

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