आंध्र प्रदेश, 5 फरवरी। आंध्र प्रदेश के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने मंदिर के 18 कर्मचारियों को हटाने की तैयारी कर ली है। इन सभी को TTD के नियमों के खिलाफ जाकर काम करने का दोषी पाया गया है।
ट्रस्ट ने सभी 18 कर्मचारियों के सामने दो शर्तें रखी हैं, या तो सभी किसी दूसरे सरकारी विभाग में ट्रांसफर ले लें या फिर VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले लें। ऐसा मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए किया जा रहा है।
TTD 12 मंदिरों का रखरखाव करता है। इसमें 14 हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।
हमने गैर हिंदू कर्मचारियों की पहचान की थी टीटीडी अध्यक्ष नायडू ने कहा- हमने कुछ TTD कर्मचारियों की पहचान की, जो गैर-हिंदू हैं। इन लोगों से VRS लेने का अनुरोध किया जाएगा। अगर वे इसके लिए राजी नहीं होते हैं तो उन्हें राजस्व, नगर पालिका या किसी निगम जैसे सरकारी विभागों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। मैंने 4 फरवरी को बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
तिरुमला में पॉलिटिकल बयानों पर रोक लगाने वाला प्रस्ताव भी बोर्ड मीटिंग में पारित किया गया। इसमें कहा गया है कि TTD नियमों का उल्लंघन करने वालों के साथ-साथ पॉलिटिकल पार्टियों का प्रचार करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
TTD के फैसले के 3 आधार
- पिछले कुछ सालों में TTD अधिनियम में 3 बार संशोधन किया गया है। तय किया गया कि मंदिर बोर्ड और उससे जुड़े संस्थानों में केवल हिंदुओं को ही नियुक्त किया जाना चाहिए।
- 1989 में जारी एक सरकारी आदेश में भी कहा गया कि TTD के एडमिनिस्ट्रेटिव पदों पर केवल हिंदुओं को ही चुना जाएगा। इस निर्णय को संविधान के अनुच्छेद 16(5) का समर्थन है। धार्मिक या सांप्रदायिक प्रकृति के संस्थानों को अपने स्वयं के धर्म के सदस्यों को नियुक्त करने की परमिशन दी गई है। इसी तरह आंध्र प्रदेश चैरिटेबल और हिंदू धार्मिक संस्थान और बंदोबस्ती अधीनस्थ सेवा नियम के नियम 3 में कहा गया है कि धार्मिक संस्थानों के कर्मचारियों को हिंदू धर्म का पालन करना चाहिए।
- नवंबर 2023 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने नियम 3 को बरकरार रखा। इसमें साफ कहा गया है कि ट्रस्ट बोर्ड को सेवा शर्तों को अनिवार्य करने का अधिकार है, जिसमें कर्मचारियों के लिए हिंदू धर्म का पालन करना आवश्यक है।
तिरुपति दुनिया का सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट अप्रैल 2024 में आई रिपोर्ट के अनुसार मंदिर ट्रस्ट ने 2024 में 1161 करोड़ रुपए की एफडी कराई थी। यह अब तक की सबसे ज्यादा रकम की एफडी है। इसके बाद ट्रस्ट के बैंकों में कुल एफडी 13287 करोड़ रुपए हो गई है। यह देश का इकलौता मंदिर है जो पिछले 12 सालों में साल दर साल 500 करोड़ या उससे ज्यादा की रकम बैंक में जमा कर रहा है।