नई दिल्ली, 6 फरवरी। (MP) में लोकायुक्त पुलिस द्वारा की गई एक बड़ी कार्रवाई में एक सरकारी शिक्षक की अवैध संपत्ति का पर्दाफाश हुआ है। इस शिक्षक की अब तक की कुल सैलरी लगभग ₹38 लाख आंकी गई है, लेकिन छापेमारी में जो संपत्ति बरामद हुई, वह हैरान करने वाली है। 52 प्लॉट, 21 दुकानें और ₹8 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मिलने से अधिकारियों के भी होश उड़ गए।
कैसे हुआ खुलासा?
लोकायुक्त पुलिस को लंबे समय से इस शिक्षक पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायतें मिल रही थीं। जांच के बाद पुलिस ने शिक्षक के घर और अन्य ठिकानों पर छापा मारा, जिसमें उसकी अघोषित संपत्ति का बड़ा खुलासा हुआ।
शिक्षक की संपत्तियों की लिस्ट:
- 52 प्लॉट – अलग-अलग शहरों में करोड़ों की जमीन।
- 21 दुकानें – प्रमुख बाजारों में स्थित, जिनसे मोटी कमाई हो रही थी।
- ₹8 करोड़ की अघोषित संपत्ति – बैंकों में जमा कैश, सोना-चांदी और महंगी गाड़ियां।
- कई बैंक खाते और लॉकर – जिनमें बड़ी मात्रा में नकदी और दस्तावेज मिले।
- कई लग्जरी गाड़ियां – जो उसकी आमदनी से मेल नहीं खातीं।
आखिर कैसे बना करोड़पति?
इस शिक्षक ने अपनी सरकारी नौकरी का फायदा उठाकर अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की। जांच में यह भी सामने आया कि उसने:
- शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के जरिए अकूत संपत्ति बनाई।
- अपनी ऊंची पहुंच के चलते सालों तक बचता रहा।
- जमीनों में बड़े पैमाने पर निवेश कर कालाधन सफेद किया।
लोकायुक्त की कार्रवाई और अगला कदम
लोकायुक्त पुलिस ने इस शिक्षक की सभी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आगे की जांच में पता लगाया जाएगा कि इसमें और कौन-कौन शामिल हैं। अगर आरोप सही पाए गए, तो शिक्षक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
क्या कहती है सरकार?
मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। राज्य में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए आगे भी इसी तरह की छापेमारी जारी रहेगी।
निष्कर्ष
एक सरकारी शिक्षक, जिसकी सैलरी ₹38 लाख के करीब थी, आखिर ₹8 करोड़ की संपत्ति का मालिक कैसे बन गया? यह सवाल सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की हकीकत को उजागर करता है। यह मामला बताता है कि अगर भ्रष्टाचार पर समय रहते कार्रवाई न की जाए, तो सरकारी कर्मचारी भी करोड़पति बन सकते हैं। अब देखना यह होगा कि इस शिक्षक पर कानून का शिकंजा कितना कसता है और क्या उसकी अवैध संपत्ति सरकार जब्त करेगी या नहीं।