नई दिल्ली, 03 फरवरी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ‘टैरिफ वॉर’ छेड़ दी है. अमेरिका ने मेक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगा दिया है. इसके जवाब में कनाडा ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है. डोनाल्ड ट्रंप चीन और कनाडा ही नहीं भारत को भी “भारी टैरिफ लगाने वाले” देशों की सूची में कई बार शामिल कर चुके हैं और भारत से आयातित वस्तुओं पर उच्च टैरिफ लगाने की चेतावनी दे चुके हैं. 2018 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप प्रशासन ने एल्युमिनियम और स्टील पर उच्च टैरिफ लगाए थे, जिसका असर भारत सहित कई देशों पर पड़ा था. इसके जवाब में भारत ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ लगाया था. अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप भारत पर भी टैरिफ लगाते हैं, तो इसका क्या असर होगा. क्या इसकी मार सिर्फ भारत पर ही पड़ेगी या फिर अमेरिका भी ट्रंप की ‘टैरिफ सनक’ की आग से झुलसेगा.
वैश्विक व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय आयात पर टैरिफ लगाने का असर न केवल दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों पर पड़ेगा बल्कि भारत और अमेरिका दोनों के उद्योगों और आम लोगों पर भी पड़ेगा. अमेरिका और चीन भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं. अमेरिका की ओर से टैरिफ बढ़ाने पर निश्चित तौर पर भारत हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगा. वह भी जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा. ऐसे में अमेरिका का भारत के साथ किसी छुटभैया देश की तरह व्यवहार करना ‘सुपरपावर’ के लिए महंगा सौदा साबित होगा.
दोनों देशों के बीच 119.71 अरब डॉलर व्यापार
वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार 119.71 अरब डॉलर तक पहुंच गया. इसमें भारत का लगभग 35.31 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस है. ट्रेड सरप्लस का सीधा सा मतलब है कि देश के निर्यात का मूल्य उसके आयात के मूल्य से अधिक है. अमेरिका भारतीय सामानों पर टैरिफ बढ़ाता है तो यह व्यापार संतुलन बिगड़ सकता है. इससे कई प्रमुख भारतीय उद्योगों के लिए चुनौतियां पैदा हो सकती हैं.
अमेरिका भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है, जो मूल्य में 18% से अधिक का योगदान करता है. 2023-24 में भारत ने अमेरिका को $77.5 बिलियन मूल्य के सामान निर्यात किए. अमेरिका से भारत में आयात काफी कम है. पिछले साल अमेरिका से भारत का आयात 17% गिरकर $42.2 बिलियन हो गया. आयात और निर्यात के बीच इस असंतुलन ने अमेरिका के लिए भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार में व्यापार घाटे को बढ़ा दिया है, जिससे ट्रंप की टैरिफ धमकियों को बढ़ावा मिला है.
भारत से क्या चाहते हैं ट्रंप?
ट्रंप चाहते हैं कि भारत अमेरिकी सामानों पर टैरिफ कम करे और उनसे अधिक खरीदे. ट्रंप और मोदी के बीच हाल ही में हुई टेलीफोन कॉल के बाद व्हाइट हाउस ने कहा “राष्ट्रपति ने भारत द्वारा अमेरिकी निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने और एक निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध की ओर बढ़ने के महत्व पर जोर दिया.”