OTT प्लेटफॉर्म्स ने इंडस्ट्री के लिए ऑक्सीजन का काम किया

Date:

नई दिल्ली, 30 जनवरी। परेश रावल की फिल्म ‘स्टोरी टेलर’ हाल ही में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है, जिसमें वह एक कहानीकार का किरदार निभा रहे हैं।

इस फिल्म से जुड़ी कुछ खास बातें साझा करते हुए, परेश रावल ने इंडस्ट्री में अच्छे राइटर्स की कमी, ओटीटी प्लेटफॉर्म, और बॉलीवुड बनाम साउथ जैसे टॉपिक पर भी अपने विचार साझा किए।

फिल्म ‘स्टोरी टेलर’ के बारे में परेश रावल बताते हैं, ‘इतनी बेहतरीन कहानी का हिस्सा बनना तो बहुत खुशी की बात है। यह ऐसे मौके होते हैं जो किसी की जिंदगी में बहुत कम आते हैं। और जब अच्छे लोगों के साथ काम करो, तो और भी मजा आता है – जैसे अच्छे डायरेक्टर, राइटर, एक्टर और प्रोड्यूसर।

वह कहते हैं, ‘जब सत्यजीत रे की कहानी पर काम करने का मौका मिलता है, तो यह एक गर्व की बात होती है। हम तो सर के बहुत बड़े फैन थे, उनके साथ काम नहीं कर पाए, लेकिन उनकी लिखी हुई कहानी में काम करने का मौका मिलना हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है।

जब परेश रावल से पूछा गया कि बॉलीवुड में स्टोरी टेलर की कमी हो रही है, क्योंकि आजकल रीमेक और सीक्वल्स पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, तो उन्होंने कहा, ‘हां, बिल्कुल। हमें और अच्छे स्टोरी टेलर की जरूरत है। बॉलीवुड में अच्छे लेखक बहुत कम हैं। एक समय था जब सलीम-जावेद जैसे बड़े लेखक थे, फिर कुछ वक्त के लिए यह सिलसिला थम सा गया था। अब धीरे-धीरे कुछ नए राइटर आ रहे हैं, लेकिन इसकी जरूरत अभी भी बहुत है।’

क्या परेश कभी राइटर या डायरेक्टर बनेंगे?

परेश रावल से पूछा गया कि अगर मौका मिला तो क्या वह राइटर या डायरेक्टर बनकर इंडस्ट्री में योगदान देंगे। इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं तो इंडस्ट्री में पहले से स्टोरीटेलर हूं। जो भी कहानी मैं करता हूं, वही मेरी अपनी स्टोरी बन जाती है। मेरा काम है उसे अच्छे से पेश करना और मैं उसी में पूरा फोकस करता हूं।’

वह मानते हैं, ‘राइटर या डायरेक्टर बनने का सवाल नहीं है, क्योंकि मैं जिस भूमिका में हूं, वही मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण होता है अपने काम को दिल से और सही तरीके से करना।

ओटीटी के बारे में क्या राय है?

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपनी राय रखते हुए रावल कहते हैं, ‘ओटीटी अच्छा है। ओटीटी ने तो हमारी इंडस्ट्री में ऑक्सीजन फूंक दी है। उन फिल्मों को बचाया है जो थिएटर में रिलीज होती तो एक पूरा शो भी नहीं चलता। ओटीटी ने जान बचाई है, इज्जत बचाई है। ओटीटी ने तो कई जगह पर बदसूरत दुल्हन के लिए एक घूंघट का काम किया है।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

महाराष्ट्र बोर्ड परीक्षा से पहले बुर्का विवाद गरमाया

नई दिल्ली, 30 जनवरी। महाराष्ट्र में आगामी बोर्ड परीक्षाओं से...

अमेरिका अवैध अप्रवासियों को ग्वांतनामो जेल भेजेगा

वाशिंगटन , 30 जनवरी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार...

स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के घर के बाहर कचरा फेंका

नई दिल्ली, 30 जनवरी। AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल...

वक्फ संशोधन विधेयक- JPC ने लोकसभा स्पीकर को रिपोर्ट सौंपी

नई दिल्ली, 30 जनवरी। वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद...