नई दिल्ली, 28 जनवरी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत के साथ “Fair Relationship” (न्यायसंगत संबंध) की जरूरत पर जोर दिया है। उनकी इस टिप्पणी ने वैश्विक कूटनीति में हलचल मचा दी है और सवाल खड़े कर दिए हैं कि ट्रंप भारत से आखिर चाहते क्या हैं?
क्या कहा ट्रंप ने?
डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि यदि वे दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो अमेरिका और भारत के बीच “Fair Relationship” यानी समान और न्यायसंगत व्यापारिक एवं कूटनीतिक संबंधों को प्राथमिकता देंगे। ट्रंप ने दावा किया कि उनके पिछले कार्यकाल में अमेरिका और भारत के संबंध बेहतर हुए थे, लेकिन अब अमेरिका को भारत के साथ व्यापार संतुलन में सुधार की जरूरत है।
Fair Relationship’ का क्या मतलब?
ट्रंप के अनुसार, “Fair Relationship” का तात्पर्य यह है कि अमेरिका को भारत से व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों में ज्यादा फायदा मिलना चाहिए। उनकी शिकायत यह है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचे टैक्स लगाता है, जबकि अमेरिका भारत को अपेक्षाकृत खुले बाजार की सुविधा देता है।
ट्रंप की भारत से मुख्य मांगें
- व्यापार में संतुलन – ट्रंप का मानना है कि भारत के साथ व्यापार घाटा कम किया जाए और अमेरिका को ज्यादा फायदा मिले।
- अमेरिकी उत्पादों पर कम टैक्स – भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों, ऑटोमोबाइल और मेडिकल उपकरणों पर ऊंचे शुल्क लगाता है, जिसे ट्रंप कम करना चाहते हैं।
- रक्षा सौदे और सहयोग – अमेरिका चाहता है कि भारत उससे और अधिक रक्षा उपकरण खरीदे और चीन की बढ़ती ताकत के खिलाफ अमेरिकी रणनीति का हिस्सा बने।
- चीन को चुनौती – ट्रंप चाहते हैं कि भारत अमेरिका के साथ मिलकर चीन के बढ़ते प्रभाव को नियंत्रित करे और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में अमेरिका का समर्थन करे।
भारत के लिए ट्रंप की वापसी क्या मायने रखती है?
यदि डोनाल्ड ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो भारत-अमेरिका संबंधों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं:
- व्यापार वार्ता में आक्रामकता – ट्रंप प्रशासन भारत पर दबाव बनाएगा कि वह अमेरिकी कंपनियों के लिए अपने बाजार को और खोले।
- चीन पर संयुक्त रणनीति – भारत को चीन के खिलाफ अमेरिकी रणनीति में अहम भूमिका निभाने का दबाव झेलना पड़ सकता है।
- H-1B वीजा नीति – ट्रंप ने पहले भी भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए वीजा नियम सख्त किए थे, जो दोबारा लागू हो सकते हैं।
क्या भारत ट्रंप की मांगें मानेगा?
भारत अपनी आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) नीति के तहत घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना चाहता है, जबकि ट्रंप चाहते हैं कि भारत अमेरिकी कंपनियों को अधिक व्यापार अवसर दे। ऐसे में, यदि ट्रंप दोबारा सत्ता में आते हैं, तो भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता कठिन हो सकती है, लेकिन रक्षा और रणनीतिक साझेदारी मजबूत रहने की संभावना है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की ‘Fair Relationship’ की मांग व्यापारिक संतुलन और रणनीतिक साझेदारी से जुड़ी है। भारत और अमेरिका के रिश्ते मजबूत हैं, लेकिन ट्रंप की नीतियां व्यापार और कूटनीति में नई चुनौतियां ला सकती हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यदि ट्रंप सत्ता में आते हैं तो पीएम मोदी की सरकार कैसे संतुलन बनाएगी और भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।