नई दिल्ली, 28 जनवरी। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मंगलवार को दिल्ली चुनाव प्रचार के लिए 6 दिन की सशर्त कस्टडी पैरोल दी है।
ताहिर इस बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से मुस्तफाबाद सीट से कैंडिडेट है। ताहिर ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, ‘चुनाव में 4 दिन बचे हैं, उसे चुनाव प्रचार के लिए जल्द अंतरिम जमानत दी जाए।’
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग है। 8 फरवरी को रिजल्ट आएगा। चुनाव प्रचार 3 फरवरी की शाम को खत्म हो जाएगा।
हर दिन पुलिस खर्च के 2 लाख रुपए देने होंगे सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘हुसैन को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक दिन के समय (जेल मैनुअल के अनुसार 12 घंटे के लिए) चुनाव प्रचार के लिए रिहा किया जाएगा। रात में जेल लौटना होगा।’ कोर्ट ने हुसैन को सुरक्षा खर्च के तौर पर हर दिन 2.47 लाख रुपए देने को कहा। इस तरह उसे 6 दिन में 14.82 लाख रुपए देने होंगे।
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- हुसैन के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया, चुनाव प्रचार के लिए केवल चार-पांच दिन बचे हैं। ऐसे में ताहिर को लोगों के बीच जाना होगा। जहां दंगा हुए थे, वहां उसका घर है। वह मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ रहा है। हम वादा करते हैं कि इस दौरान ताहिर घर नहीं जाएगा। होटल में रहेगा और इसकी पूरी डिटेल कोर्ट को दी जाएगी।
- अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पैरोल याचिका का विरोध किया। कहा कि दिल्ली दंगों में ताहिर का रोल बेहद गंभीर था। अगर राहत मिली तो हर कोई जेल से नामांकन फॉर्म भरेगा।
- सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन के वकील से पूछा, दंगा के अलावा और कितने मामले हैं जिसमें जमानत नहीं मिली है।
- हुसैन के वकील ने बताया, दो मामलों में जमानत के लिए निचली अदालत में उसकी अर्जी लंबित है। अगर कोर्ट अंतरिम जमानत देती है तो वे घर नहीं जाएगा, होटल में रुकेगा।
- अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा, ‘उस पर (ताहिर) IB अधिकारी की हत्या का आरोप है। दिल्ली में दंगा फैलाने का आरोप है। इस दंगे में 56 लोगों की मौत हुई थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आप 29 जनवरी को 2 बजे तक बताएं कि जमानत देने पर फोर्स और बाकी चीजों के लिए कितना खर्च आएगा।
हाईकोर्ट ने 14 जनवरी को कस्टडी पैरोल दी, जमानत से इनकार किया दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 जनवरी को मुस्तफाबाद सीट से नामांकन भरने के लिए ताहिर को कस्टडी पैरोल दी थी और चुनाव प्रचार के लिए जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच सुनवाई कर रही है।
ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के आरोप में 4 साल 9 महीने से जेल में बंद हैं। 22 जनवरी को ताहिर की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच में सहमति नहीं बन पाई थी। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ताहिर को जमानत देने के पक्ष में थे, जबकि जस्टिस पंकज मित्तल ने याचिका खारिज कर दी।