नई दिल्ली, 27 जनवरी। मध्य प्रदेश के महू शहर में कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित की जा रही ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली ने प्रदेश की राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। यह रैली न केवल महात्मा गांधी और बाबासाहेब आंबेडकर की विचारधारा को समर्पित है, बल्कि संविधान और सामाजिक न्याय के महत्व को भी उजागर करने का एक प्रयास है। रैली में तेलंगाना के मुख्यमंत्री, के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के करीबी सहयोगी और प्रदेश कांग्रेस नेता, रेवंत रेड्डी भी शामिल होंगे। इस रैली का उद्देश्य समाज में समानता, शांति और न्याय की वकालत करना है।
रैली का उद्देश्य
‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली का आयोजन कांग्रेस पार्टी ने महू में किया है, क्योंकि महू वही स्थान है जहां बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म हुआ था। महात्मा गांधी और बाबासाहेब आंबेडकर का संबंध भारतीय समाज में दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों और स्वतंत्रता के संघर्ष से गहरा है। कांग्रेस ने इस रैली के माध्यम से देशवासियों को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि गांधी और आंबेडकर के विचारों को संजीदगी से अपनाकर समाज में समानता और विकास लाया जा सकता है।
रैली का प्रमुख उद्देश्य संविधान की रक्षा करना और भारतीय समाज में समतावादी दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। कांग्रेस पार्टी का यह मानना है कि आजकल संविधान की धारा और बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों को खतरा है, और इसे बचाने की आवश्यकता है।
तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी का योगदान
तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के करीबी सहयोगी रेवंत रेड्डी, जो तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस के एक प्रमुख नेता हैं, इस रैली में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। रेवंत रेड्डी का राजनीतिक इतिहास और उनका सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण इस रैली के महत्व को और बढ़ा देते हैं। रेवंत रेड्डी का कहना है कि बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान ही देश की लोकतांत्रिक संरचना की नींव है और उसे बचाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में जो राजनीतिक माहौल उत्पन्न हो रहा है, उसमें संविधान और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों को खतरा हो सकता है। ऐसे में यह रैली एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समाज में जागरूकता फैलाने और संविधान के प्रति लोगों में सम्मान जागृत करने का काम करेगी।
रैली का राजनीतिक प्रभाव
यह रैली प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम है, खासकर विधानसभा चुनाव 2023 के दृष्टिकोण से। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करके और गांधी-आंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाकर, वे आगामी चुनावों में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।
विपक्षी दलों ने इस रैली को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह रैली केवल कांग्रेस पार्टी के हित में आयोजित की जा रही है और इसके जरिए वे महात्मा गांधी और बाबासाहेब आंबेडकर के नाम का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि, रैली में शामिल होने वाले नेताओं का कहना है कि यह रैली सिर्फ राजनीति से ऊपर उठकर देश के संविधान और समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए आयोजित की जा रही है।
निष्कर्ष
‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली महू में एक ऐतिहासिक क्षण का प्रतीक बन सकती है। यह न केवल गांधी और आंबेडकर के विचारों को सम्मानित करने का एक अवसर है, बल्कि संविधान की रक्षा और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की उपस्थिति इस रैली को और भी महत्वपूर्ण बना देती है, जो कि आगामी चुनावों और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर गहरी छाप छोड़ सकती है।