दिल्ली हाईकोर्ट CAG रिपोर्ट सार्वजनिक करने को लेकर फैसला देगा

Date:

नई दिल्ली,24 जनवरी। दिल्ली हाईकोर्ट आज दिल्ली सरकार के कामकाज से जुड़ी CAG रिपोर्ट सार्वजनिक करने वाली याचिका पर फैसला देगा। इसमें रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने की भी मांग की गई है। कोर्ट ने 16 जनवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था।

भाजपा के 7 विधायकों ने दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए याचिका लगाई है। उनका कहना है कि 14 मामलों पर CAG की रिपोर्ट पर सदन में चर्चा करवानी चाहिए। सरकार का तर्क है कि विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने वाला है, इसलिए रिपोर्ट सदन में लाने का फायदा नहीं है।

इसे लेकर हाईकोर्ट ने 13 जनवरी को आतिशी सरकार को फटकार लगाई थी। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा था- CAG रिपोर्ट पर जिस तरह से दिल्ली सरकार ने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे इनकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है। रिपोर्ट स्पीकर को भेजकर फौरन विधानसभा में चर्चा करानी चाहिए थी।

लीक हुई रिपोर्ट में शराब नीति का भी जिक्र

सूत्रों के मुताबिक CAG रिपोर्ट में शराब घोटाले से भी जुड़ी जानकारी है। 11 जनवरी को CAG की एक रिपोर्ट लीक हुई थी, जिसे भाजपा ने दिखाया था। भाजपा नेताओं ने रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2026 करोड़ रुपए का रेवेन्यू लॉस हुआ है।

दिल्ली में 2021 में नई शराब नीति लागू की गई थी। इसमें लाइसेंस आवंटन को लेकर कई सवाल खड़े हुए। नीति वापस लेनी पड़ी। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा। दोनों जेल भी गए। CM और डिप्टी CM पद छोड़ना पड़ा। दोनों फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

CAG रिपोर्ट में शराब नीति को लेकर क्या-क्या …

  • आप सरकार ने नई शराब नीति को रद्द करने के फैसले में न कैबिनेट की मंजूरी ली और न उपराज्यपाल से राय मांगी।
  • कोविड प्रतिबंधों के कारण जनवरी 2022 के लाइसेंस शुल्क के रूप में 144 करोड़ रुपए की छूट रिटेल लाइसेंस धारियों को कैबिनेट की मंजूरी लिए बिना दी गई।
  • जिन वार्ड में शराब खोलने की अनुमति नहीं थी। वहां भी शराब की दुकान के लाइसेंस बांटे गए। ये फैसला भी उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना लिया गया।
  • डिप्टी चीफ मिनिस्टर जिस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की अगुआई कर रहे थे, उसने एक्सपर्ट पैनल के सुझावों को खारिज कर दिया था।
  • कैबिनेट ने नीति को मंजूरी दे दी थी और कई अहम फैसलों पर तब के उप-राज्यपाल की मंजूरी भी नहीं ली गई थी।
  • रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतों के बावजूद सभी को नीलामी की बोली लगाने की मंजूरी दे दी गई थी। जिन्हें घाटा हुआ था, उन्हें भी लाइसेंस दे दिए गए या रिन्यू कर दिए गए थे।

21 दिसंबर को LG ने केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने 21 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की इजाजत दे दी थी। ED ने 5 दिसंबर को एलजी से केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल चलाने की अनुमति मांगी थी।

पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ ED ने इस साल मार्च में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत केस दर्ज किया था। 21 मार्च को 4 घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को अरेस्ट किया गया था। केजरीवाल को इस केस में जमानत मिल गई थी, लेकिन ED ट्रायल शुरू नहीं कर पाई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

कनाडा पीआर: 2025 में 4 नए स्थायी निवास मार्ग पेश किए जाएंगे

नई दिल्ली,24 जनवरी। कनाडा 2025 में चार नए स्थायी निवास...

मध्यप्रदेश के 17 शहरों में होगी पूर्ण शराबबंदी: सरकार का बड़ा फैसला

मध्यप्रदेश ,24 जनवरी। मध्यप्रदेश सरकार राज्य की धार्मिक नगरीय...

त्रिकोणीय लड़ाई में फंसीं दिल्ली सीएम आतिशी, क्या कालकाजी सीट निकाल पाएंगी?

नई दिल्ली,24 जनवरी। दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र, दिल्ली...

विक्की कौशल की फिल्म छावा को लेकर विरोध

नई दिल्ली,24 जनवरी। विक्की कौशल की अपकमिंग फिल्म छावा...