चायवाले ने फैलाई पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह ,13 की मौत

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मुंबई ,23 जनवरी। महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार ने गुरुवार को कहा पुष्पक ट्रेन में आग लगने की अफवाह एक चायवाले ने फैलाई थी। जिसे जनरल डिब्बे में सफर कर रहे उधल कुमार और विजय कुमार ने सुना। दोनों घबरा गए और बाद में लोग खुद को बचाने के लिए ट्रेन से कूदने लगे।

पवार ने मीडिया से कहा- कुछ यात्री आग से बचने चलती ट्रेन से कूद गए, लेकिन ट्रेन की स्पीड ज्यादा थी इसलिए उनमें से एक ने चेन खींच दी। ट्रेन रुकने पर कई लोग उतर गए। दूसरे ट्रैक पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस ने रेलवे ट्रैक पार कर रहे यात्रियों को टक्कर मार दी।

जलगांव कलेक्टर ऑफिस के मुताबिक 22 जनवरी की शाम 4:42 बजे पाचोरा स्टेशन पर हुए ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। इनमें से 10 की पहचान हो गई है, जबकि 3 का पता नहीं चल सका। हादसे में 10 यात्री गंभीर घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है।

इधर, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिजन को 1.5-1.5 लाख रुपए, गंभीर घायलों को 50-50 हजार और मामूली रूप से घायल लोगों को 5 हजार का मुआवजा देने की घोषणा की है।

सेंट्रल रेलवे के भुसावल डिवीजन के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जहां घटना हुई, उस जगह पर शार्प टर्न था। इस वजह से दूसरे ट्रैक पर बैठे पैसेंजर्स को ट्रेन के आने का अंदाजा नहीं लगा।

जलगांव के सरकारी अस्पताल में 12 शवों को लाया गया है। इनमें 7 की पहचान हो गई है। मरने वालों में 9 पुरुष और 3 महिलाएं हैं।

जिन 7 की शिनाख्त हुई, उनमें 3 नेपाल के

  1. हिमू नंदराम विश्वकर्मा (उम्र लगभग 11 साल, निवासी नेपाल)
  2. लच्छी राम पासी (उम्र लगभग 23 साल, निवासी नेपाल)
  3. कमला नवीन भंडारी (उम्र 43 साल, निवासी नेपाल)
  4. जवाकला भाटे (उम्र 50 साल)
  5. नसीरुद्दीन बदरुद्दीन सिद्दीकी (उम्र लगभग 20 साल निवासी गोंडा)
  6. इन्तियाज अली (उम्र 35 साल, निवासी गुलरिहा यूपी)
  7. बाबू खान (उम्र करीब 30 साल)

प्रत्यक्षदर्शी बोले- लोग आग-आग चिल्लाते भागे और हादसे का शिकार हुए मुंबई में टैक्सी चलाने वाले साबिर और लखनऊ के राजीव शर्मा ने बताया कि हम पुष्पक के स्लीपर कोच में थे। ट्रेन रुकी तो बाहर निकले। कुछ लोग भागते हुए चिल्ला रहे थे, ‘आग लग गई, निकलो। हमारे डिब्बे में भी अफरा-तफरी मच गई। महिलाएं और बच्चे सब उतरकर भागने लगे। मेरा दोस्त भी गिर कर घायल हो गया। इसी दौरान सामने से ट्रेन आई और लोगों को कुचलते हुए निकल गई।’

राजीव ने बताया कि मैं सामने से आती ट्रेन देखकर चिल्लाया, लेकिन किसी ने नहीं सुना। हादसे के बाद वहां सिर्फ खून और लाशें पड़ी थीं।

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