राजस्‍थान में सिर्फ संस्‍कारी छात्र ही दे पाएंगे सरकारी भर्ती के एग्‍जाम

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जयपुर,23 जनवरी। राजस्थान में अब सरकारी भर्ती परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी कुर्ते-पायजामे में नजर आयेंगे. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने नकल रोकने के लिए यह नया फरमान निकाला है. इसके अलावा महिला परीक्षार्थी मंगल सूत्र, बाली और चूड़ियां पहन कर परीक्षा नहीं दे सकेंगी. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि जींस और पेंट में लगे मेटल के चैन, बटन तथा मंगलसूत्र से मेटल डिटेक्टर को जांच में परेशानी होती है. नकल संबंधी उपकरणों पर रोक लगाने में मुश्किल हो जाता है. बोर्ड ने इसके साथ ही परीक्षा में नकल करने वालों को सख्त हिदायत देते हुए 10 साल तक की सजा को लेकर भी चेताया है.

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज के मुताबिक राजस्थान की सरकारी भर्ती परीक्षाओं में लगातार नये नये तरीकों से नकल की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अब परीक्षार्थियों की ड्रेस कोड में बदलाव किया गया है. इसके तहत राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की भर्ती परीक्षा में पुरुष अभ्यर्थियों को अब कुर्ता-पायजामा पहनकर आने के लिए कहा गया है.

इन चीजों पर रहेगा पूरा प्रतिबंध
बोर्ड ने ड्रेस कोड में बड़ा बदलाव करते हुए मेटल की जिप (चेन) और बटन वाली पोशाक पहनने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. यानी की जींस और मेटल वाली जिप तथा बटन वाली पेंट पहनने पर अब रोक लगा दी. इसी तरह महिलाएं मंगल सूत्र और मेटल वाली चूड़ियां और कानों में बाली पहन कर नहीं आ सकती. वे केवल सलवार सूट, साड़ी या कुर्ता पहनकर आ सकेंगी .घड़ी, बेल्ट, जूते, मोजे आदि सभी पर रोक रहेगी.

नये नियम के तहत अब यह रहेगा ड्रेस कोड
पुरुष अभ्यर्थी
कुर्ता-पायजामा या सामान्य पैंट-शर्ट.
मेटल बटन, चेन और ब्रोच पूरी तरह वर्जित रहेगा.
घड़ी, बेल्ट, जूते, मोजे आदि पर रोक रहेगी.

महिला अभ्यर्थी
सलवार सूट, साड़ी, या कुर्ता.
हाथों में लाख या पतली कांच की चूड़ियां, बालों में बिना मेटल वाले रबर बैंड की अनुमति होगी.
भारी आभूषण और अन्य मेटल आइटम पहनकर परीक्षा देने की अनुमति नहीं होगी.

बोर्ड के इस फैसले से परीक्षार्थी नाराज हैं
परीक्षार्थी बोर्ड के इस फैसले से नाराज हैं. परीक्षार्थियों का कहना है कि हर युवा पेंट जींस और टी शर्ट या शर्ट पहनता है. कुर्ता पायजामा नहीं. परीक्षार्थियों का कहना है कि नकल रोकने के लिए ये ड्रेस कोड बेतुका है. महिला परीक्षार्थियो का कहना है कि मंगलसूत्र उनके सुहाग का प्रतीक है उसे कैसे उतार सकते हैं. वहीं विपक्ष को भी यह ड्रेस कोड रास नहीं आ रहा है. उसका कहना है की युवा जींस पेंट ही पहनते हैं ऐसे में कुर्ता पायजामा उनके पास होने की उम्मीद कैसे की जा सकती है. महिलाओं के मंगलसूत्र उतरवाना उनका अपमान है.

नेता प्रतिपक्ष बोले-बच्चों पर अनावश्यक भार डाल रहे हैं
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि इनका बस चलेगा तो ये पेपर करवाना ही बंद कर देंगे . एक तरफ पेपर लीक और नकल रोकने के खिलाफ ये लोग बड़ी-बड़ी बातें करते थे. इन्हें तो पहले अपना खुद का आधारभूत संरचना तैयार करना चाहिए ताकि सारी चीजों की अच्छी से जांच हो सके. सर्दियां भी है जैकेट और जींस तो सभी पहनते हैं. कई बच्चों ने तो कुर्ते पायजामे आज तक सिलवाये ही नहीं होंगे. वैसे भी मार्केट में जींस सस्ते मिलते हैं. उनकी यह नीति गलत है. बच्चों पर अनावश्यक भार डाल रहे हैं की नये कपड़े सिलवाएं.

सीसीटीवी कवरेज की भी शुरुआत की गई है
आयोग की तरफ से यह भी साफ कर दिया गया है की पहले की ही तरह परीक्षा में मेटल वाले मंगलसूत्र, कान की बाली या सोने-चांदी के कंगन पहनने पर भी रोक होगी. परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए जारी किया गया जींस वाला नियम पुरुष और महिला सभी अभ्यर्थियों के लिए लागू होगा. इसके अलावा डमी केंडिटेड को रोकने और नकल की कोशिशों को खत्म करने के लिए डीटेल्ड फ्रिस्किंग, बायोमेट्रिक जांच, और सीसीटीवी कवरेज की भी शुरुआत की गई है.

नकल रोकने के लिए तमाम तरीके से कोशिश की जा रही है
इसके साथ ही नकल करते पकड़े जाने पर शोले फिल्म के डायलोग की तरह जेल में चक्की पिसिंग पिसिंग पिसिंग वाली बात भी कही जा रही है. बहरहाल, सरकारी भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए तमाम तरीके से कोशिश की जा रही है. ताकि युवाओं का भर्ती परीक्षा पर भरोसा बना रह सके. लेकिन इन नियमों में कुछ बातें एसी भी सामने आ रही है जिसने परीक्षार्थियों की मुश्किलें बढ़ा दी है .

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