आरजी कर रेप केस के दोषी संजय रॉय कैसे फांसी के फंदे से बच निकला ?

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नई दिल्ली,20 जनवरी। कोलकाता के आरजी कर रेप मर्डर केस में दोषी संजय रॉय को सियालदाह कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई. सीबीआई ने मामले को ‘रेयरेस्‍ट ऑफ रेयर’ बताते हुए फांसी की सजा की मांग की थी. हर तरह के सबूत भी रखे. कहा क‍ि ऐसी सजा दी जाए जो मिसाल बने. कोई ऐसा करने से पहले 100 बार सोचे. उसने सर्वाधिक सजा दी जानी चाहिए. लेकिन जस्टिस अनिर्बान दास ने सीबीआई की दलील को नकारते हुए उसे सिर्फ उम्रकैद की सजा सुनाई है. आइए जानते हैं वो वजह, जिससे संजय रॉय फांसी की सजा से बच निकला.

1. जज ने कहा क‍ि यह मामला ‘रेयरेस्‍ट ऑफ रेयर’ की श्रेणी में नहीं आता, इसल‍िए इसे फांसी की सजा नहीं दी जा सकती. मैंने अपना काम कर दिया है. आप चाहें तो हाईकोर्ट में जाकर ज्‍यादा सजा की मांग कर सकते हैं.

2. संजय रॉय के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले ग‍िना द‍िए ज‍िसमें कहा गया है क‍ि आरोपी को स्‍थ‍ित‍ि सुधारने का मौका द‍िया जाना चाह‍िए. इसल‍िए उसे सजा-ए-मौत की जगह कुछ और सजा दी जाए.  सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में बार-बार कहा है कि आरोपियों को मौका दिया जाए. अगर सबूतों को लेकर कोई संदेह है. अगर विचार के आधार पर कोई सजा होती है तो सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को ध्‍यान में रखना चाह‍िए.कोर्ट ने इस दलील को उच‍ित माना.

3.संजय रॉय के वकील सेनजुति चक्रवर्ती ने मौत की सजा पर नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली की रिसर्च का हवाला द‍िया. कहा क‍ि आरोपी की मानस‍िक स्‍थ‍ि‍त‍ि मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक स्थिति पर विचार किया जाना चाहिए. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली की रिसर्च में सजा-ए-मौत को गलत बताया गया है.

4. फैसला सुनाने के बाद बाहर आए वकीलों ने कहा, जज इस बात से पूरी तरह यकीनी लग रहे थे क‍ि मामला रेयरेस्‍ट नहीं है. चूंक‍ि सबूत उसके ख‍िलाफ पाए गए हैं, इसल‍िए उसे सजा दी गई है.

5. वकीलों ने कहा क‍ि जज ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों को ध्‍यान में रखते हुए संजय राय के प्रत‍ि नरमी बरती. उन्‍हें लगा होगा क‍ि इसे कुछ मौका द‍िया जाना चाह‍िए. इसल‍िए उन्‍होंने मौत की सजा नहीं दी.

वो सबूत ज‍िसकी वजह से सुनाई गई सजा

8 और 9 अगस्त की रात करीब 4:03 बजे आर जी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हाल में आरोपी संजय राय अन्दर गया और 4:32 बजे बाहर निकला. उसने केवल 29 मिनट में मेडिकल छात्रा के साथ रेप किया और उसकी हत्या कर दी.

संजय के मोबाइल की लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज से ये साबित हुआ. आरोपी का ब्लूटूथ घटनास्थल पर मिला, जिसकी MAC ID उसके मोबाइल की ब्लूटूथ हिस्ट्री की MAC ID से मैच हो गई. ब्लूटूथ भी ऑटोमेटिक उसके मोबाइल से कनेक्ट हो गया

पीड़िता के शरीर पर आरोपी के मुंह का सलाइवा पाया गया. रॉय की जींस और जूतों पर पीड़िता का खून पाया गया. संजय का डीएनए मौके पर मिले सबूतों से मैच हुआ

संजय के शरीर पर जो चोट के 5 निशान मिले वो 24 से 48 घंटे के पहले के साथ ,ये ब्लंट फोर्स इंजरी थी,जो बचाव की कोशिश के दौरान की थीं. फुटप्रिंट मैपिंग और मौका ए वारदात की 3D मैपिंग ,फोरेंसिक जांच से ये साफ हुआ कि उस रात वहां कोई दूसरा शख्स नहीं आया था

चिकित्सीय जांच में यह भी खारिज कर दिया गया कि संजय यौन रूप से नपुंसक नहीं है. 128 लोगों के बयान दर्ज किए गए जो केस को अंजाम तक पहुंचाने में काफी अहम रहे.

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