भारतीय नाग ATGM मिसाइल जमीन की लड़ाई में एक गेम चेंजर है. चीन पाकिस्तान के टैंको को पलक झपकते ही कर देगा नष्ट

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नई दिल्ली,17 जनवरी। जमीन पर आमने सामने की जंग में टैंक सबसे घातक हथियार हैं. दुश्मन के टैंक को निशाना बनाने के लिए भारतीय नाग मिसाइल अब पूरी तरह से तैयार है. आत्मनिर्भर भारत की ताकत को इस बार 26 जनवरी को कर्तव्य पथ से दुनिया देखेगी. एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग को डेवलपमेंट फेज के दौरान डीआरडीओ ने शोकेस किया था. इस स्वदेशी लैंड वर्जन नाग मिसाइल ने पहली बार कर्तव्यपथ पर साल 2023 में सुप्रीम कमांडर को स्ल्यूट किया था. अब यह सेना में शामल होने ठीक पहले कर्तव्य पथ पर फिर दिखेगा.  नाग मार्क 2 का भी सफल यूजर ट्रायल पोखरण फील्ड एंड फायरिंग रेंज में किया जा चुका है. यह भी सेना में शामिल होने के लिए तैयार है.

स्वदेशी है ATGM
अभी भारतीय सेना के पास जो 2 ATGM मौजूद है वह दूसरी पीढ़ी के है. मिलन 2T (Milan-2T) इसकी मारक क्षमता 4 किलोमीटर है. यह फ्रैंच ATGM है. दूसरा रूसी ATGM है कांकुर (Konkurs). इसकी मारक क्षमता भी 4 किलोमीटर है. यह दोनों ATGM लाइसेंस प्रोडक्शन के तहत देश में BDL बना रही है. भारतीय सेना इनका बखूबी इस्तेमाल कर रही है. स्वदेशी नाग को DRDO ने तैयार किया है. इसका प्रोडक्शन डीफेंस पीएसयू भारत डायनैमिक लिमिटेड ही कर रही है. नाग मिसाइल का यूजर ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया गया है. इसके डेवलपमेंट में बीस साल का वक्त लगा और अब जो प्रोडक्ट निकलकर आया है वह टार्गेट पर फायर होने के बाद 90 फीसदी तक सटीक मार कर सकती है.

नाग’ ATGM क्यों है घातक?
इस मिसाइल की खास बात तो यह है कि इसे बीएमपी 2 कैरियर पर लगाया गया है. इसे ”नामिका” (NAMICA) यानी नाग मिसाइल कैरियर का नाम दिया गया है. एक कैरियर पर 6 नाग मिसाइल लगी है. जब जंग के मैदान में टैंक के साथ आगे बढ़ेगा तो यह दुश्मन के टैंकों को आसानी से धूल चटा देगा. यह तीसरी पीढ़ी का ATGM है. यह फायर एंड फॉर्गेट टॉप अटैक तकनीक पर आधारित है. एक बार निशाना साधने के बाद इसे फायर किया जाएगा तो यह किसी भी मूविंग टार्गेट को सटीक मार करेगा. मिसाइल टैंक के सबसे कमजोर हिस्सा टरेट (Turret) को आसानी से भेद देगा. यह चार से पांच किलोमीटर दूरी तक किसी भी टैंक के परखच्चे उड़ा सकता है. लॉक ऑन तकनीक से यह मिसाइल लैस है यानी की एक बार मिसाइल लांच किए जाने के बाद भी टार्गेट को लॉक किया जा सकता है. रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद (DAC) 13 नामिका कैरियर और 443 नाग मिसाइल की खरीद को मंजूरी दे चुकी है. जल्द मैकेनाइजड इंफेंट्री का हिस्सा होगी.

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