वाशिंगटन ,17 जनवरी।अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता में वापसी के साथ ही चीनी निर्यात पर टैरिफ बढ़ाने की योजना पर काम कर रहे है। ट्रम्प के इस फैसले का भारत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद चीन एशियाई बाजारों में आक्रामक तरीके से अपना निर्यात बढ़ा सकता है। इससे भारतीय निर्यातकों को रीजनल और ग्लोबल मार्केट में चीन के साथ प्रतिस्पर्धा में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसका सीधा असर भारतीय निर्यात पर होगा।
इससे ग्लोबल ट्रेड पर भी जोखिम बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा कि हाई टैरिफ और चीनी अर्थव्यस्था में मंदी की वजह से भारत समेत दुनिया के दूसरे देशों में चीनी निर्यात बढ़ने की आशंका है।
भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे चुके हैं ट्रम्प
ट्रम्प की टैरिफ बढ़ाने की धमकी का सामना करने वाले देशों में भारत भी शामिल हैं। ट्रम्प कई बार भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे चुके हैं। पिछले महीने एक बयान में ट्रम्प ने कहा कि भारत अमेरिका पर जितना टैरिफ लगाएगा, बदले में हम भी उतना ही टैरिफ लगाएंगे।
ट्रम्प ने कहा कि भारत उन देशों में शामिल है, जो अमेरिकी सामान पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाते हैं। ट्रम्प के कॉमर्स सेक्रेटरी भी भारत पर टैरिफ की धमकी दे चुके हैं।
भारत और चीन के अलावा, कनाडा और मेक्सिको भी ट्रम्प की टैरिफ धमकी का सामना कर रहे हैं।
भारत का निर्यात घट रहा
क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारत का निर्यात अस्थिर रहा है। पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में निर्यात में वृद्धि देखने को मिली थी। लेकिन दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में इसमें गिरावट आई। तीसरी तिमाही के आखिरी दो महीनों में फिर गिरावट हुई।
नवंबर में निर्यात में 4.8% और दिसंबर में 1% की गिरावट हुई। इसकी प्रमुख वजह ज्वेलरी और तेल के निर्यात में आई कमी थी। ज्वेलरी और तेल के निर्यात में 26% और 28% कमी आई। हालांकि इस बीच रेडीमेड कपड़ों, खनिज, हस्तशिल्प और कॉफी के निर्यात में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई।
क्रिसिल रिपोर्ट ने जोर दिया कि आने वाले महीनों में चीन अपने निर्यात को बरकरार रखने के लिए नीतियों में जो बदलवा करेगा। उसका ग्लोबल ट्रेड पर असर देखने को मिलेगा।