पटना ,17 जनवरी।क्या बिहार के ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव होने जा रहा है? क्या सीएम नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द साये की तरह साथ रहने वाले आईएएस अधिकारियों के अब पर कतरे जाएंगे? अगर इस तरह के सवाल आपके मन में बार-बार उठ रहे हैं तो तेजस्वी यादव के बयान का मतलब जानना बेहद जरूरी है. दरअसल, तेजस्वी यादव राज्य के कुछ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों पर लगातार हमला बोल रहे हैं. खासकर ‘डीके टैक्स और डीके बॉस’ वाला उनका बयान खूब सूर्खियां बटोर रहा है. वहीं, सीएम नीतीश कुमार प्रगति यात्रा में व्यस्त रह रहे हैं. लेकिन तेजस्वी यादव का ‘डीके टैक्स और डीके बॉस’ वाले बयान से बिहार में सियासत गरमा गई है. राजनीतिक गलियारा तो छोड़ दीजिए आम जनता भी पूछ रही है कि आखिर कौन हैं ‘डीके बॉस और उनका डीके टैक्स’? ऐसे में क्या तेजस्वी के इस बयान के बाद अधिकारियों की नींद उड़ गई है? क्या नीतीश कुमार के साथ साये की तरह रहने वाले सचिव और प्रधान सचिव स्तर के आईएएस अधिकारियों ने अब दूरी बनाना शुरू कर दिया है?
तेजस्वी यादव पहले भी नीतीश सरकार पर ‘आरसीपी टैक्स’ का आरोप लगा चुके हैं. लेकिन, इस टैक्स की उस समय हवा निकल गई. हालांकि, बाद में वह शख्स जेडीयू और नीतीश कुमार से दूर चले गए. सालों बाद एक बार फिर से तेजस्वी यादव ने बिहार की राजनीति में ‘डीके टैक्स’ वाला बम फोड़ा है. तेजस्वी यादव के इस बयान पर जेडीयू और बीजेपी दोनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जेडीयू नेता तो यहां तक बोल रहे हैं कि जब लालू यादव और राबड़ी देवी की बिहार में सरकार थी तो A, D, G और R टैक्स वसूले जाते थे.
डीके टैक्स और डीके बॉस पर बिहार में पॉलिटिक्स
लेकिन तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद नीतीश कुमार के अगल-बगल में हमेशा साथ रहने वाले कुछ अधिकारी अब बहुत कम नजर आ रहे हैं. जबकि, पहले वही अधिकारी नीतीश कुमार के साथ हर मीटिंग और हर कार्यक्रम में साथ नजर आते थे. लेकिन बीते कुछ दिनों से सीएम नीतीश कुमार के साथ उनको कम देखा जा रहा है. कई दिनों के बाद अचानक एक-दो दिन पहले दिखे हैं. अब, नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा में दो-तीन अधिकारी लगातार दिखाई दे रहे हैं. जिनके बारे में कहा जाता है कि वह साफ छवि के हैं. तेजस्वी के आरोप के बाद दो-तीन अधिकारी बीते 15-16 दिनों में नीतीश कुमार के साथ कम ही नजर आए हैं. जबकि, पहले वही अधिकारी नीतीश कुमार के साथ लगभग हर कार्यक्रम में साथ रहते थे.
डीके टैक्स और डीके बॉस पर बिहार में पॉलिटिक्स
लेकिन तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद नीतीश कुमार के अगल-बगल में हमेशा साथ रहने वाले कुछ अधिकारी अब बहुत कम नजर आ रहे हैं. जबकि, पहले वही अधिकारी नीतीश कुमार के साथ हर मीटिंग और हर कार्यक्रम में साथ नजर आते थे. लेकिन बीते कुछ दिनों से सीएम नीतीश कुमार के साथ उनको कम देखा जा रहा है. कई दिनों के बाद अचानक एक-दो दिन पहले दिखे हैं. अब, नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा में दो-तीन अधिकारी लगातार दिखाई दे रहे हैं. जिनके बारे में कहा जाता है कि वह साफ छवि के हैं. तेजस्वी के आरोप के बाद दो-तीन अधिकारी बीते 15-16 दिनों में नीतीश कुमार के साथ कम ही नजर आए हैं. जबकि, पहले वही अधिकारी नीतीश कुमार के साथ लगभग हर कार्यक्रम में साथ रहते थे.
ये सारे रहे हैं नीतीश के चहेते आईएएस अधिकारी
जानकार बताते हैं नीतीश कुमार ब्यूरोक्रेसी में पसंदीदा नेताओं में से एक हैं. तेजस्वी यादव ने साल 2020 में खुलेआम आरोप लगाया था कि सीएम ऑफिस में बैठकर कुछ आईएएस अधिकारी ने आरजेडी को चुनाव के दिन हरवाने का काम किया. तेजस्वी यादव का शायद वही डर आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में नजर आ रहा है. इसलिए तेजस्वी यादव ने राज्य में डीके बॉस और डीके टैक्स वाला मुद्दा छेड़ दिया है.
अगर नीतीश कुमार के करीबी आईएएस अधिकारियों की बात करें तो वह समय-समय पर बदलते रहे हैं. किसी जमाने में आरसीपी सिंह, व्यासजी, आरके सिंह, आमिर सुबहानी और अंजनी सिंह चहते अधिकारी हुआ करते थे. लेकिन, मौजूदा दौर में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी दीपक कुमार, प्रत्यय अमृत, चंचल कुमार, संजीव हंस, कुमार रवि, चैतन्य प्रसाद, आनंद किशोर, अनुपम कुमार और एस सिद्धार्थ जैसे आईएएस अधिकारी नीतीश के अगल-बगल में देखे जाते हैं.