ओडिशा में मोदी बोले-अप्रवासियों के दिल में भारत धड़कता है

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नई दिल्ली,09 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल हुए। मोदी ने कहा- अप्रवासी जहां जाते हैं उसे अपना बना लेते हैं। इसके बावजूद उनके दिल में हमेशा भारत धड़कता है। इसी के चलते दुनिया में मेरा सिर ऊंचा रहता है।

पीएम ने आगे कहा कि, भारत मेड इन इंडिया फाइटर जेट बना रहा है। वो दिन दूर नहीं जब आप (अप्रवासी भारतीय) किसी मेड इन इंडिया प्लेन से ही प्रवासी भारतीय दिवस मनाने आएंगे।

इस कार्यक्रम को त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू ने भी वर्चुअली संबोधित किया। मोदी ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को भी हरी झंडी भी दिखाई।

यह भारतीय प्रवासियों के लिए स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन है, जो दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से चली और तीन सप्ताह तक कई टूरिस्ट प्लेसेज तक जाएगी। विदेश मंत्रालय की प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना के तहत इसका संचालन किया जा रहा है।

कार्यक्रम के लिए 70 देशों से 3 हजार से ज्यादा प्रतिनिधि ओडिशा पहुंचे हैं। यह सम्मेलन 10 जनवरी तक चलेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसके समापन सत्र में शामिल होंगी और प्रवासी भारतीय पुरस्कार प्रदान करेंगी।

1.भारतीय अप्रवासियों पर मैंने हमेशा भारतीय डाइसपोरा को भारत का राष्ट्रदूत माना है। मुझे खुशी होती है जब दुनिया में आप सभी साथियों से बात करता हूं। जो प्यार मिलता है उसे भूल नहीं सकता। आपका स्नेह आशीर्वाद मेरे साथ रहता है। मैं सभी का निजी तौर पर आभार करता हूं। आपको थैंक यू भी बोलना चाहता हूं।

2. विदेश में भारतीयों के योगदान पर हमें विविधता सिखानी नहीं पड़ती हमारा जीवन ही इससे चलता है। इसलिए भारतीय जहां भी जाते हैं वहां की सोसाइटी से जुड़ जाते हैं। जहां जाते हैं वहां के रूल्स ट्रेडीशन की इज्जत करते हैं। देश की सेवा करते हैं।

3. मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट पर 10 साल में भारत ने अपने यहां 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वो दिन दूर नहीं जब यह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत की सफलता आज दुनिया देख रही है।

4. दुनिया में भारत के प्रभाव पर भारत की बात को आज दुनिया ध्यान से सुनती है। आज का भारत अपना पॉइंट तो स्ट्रॉन्गली रखता ही है, ग्लोबल साउथ की आवाज भी पूरी ताकत से उठाता है। भारत अपने ग्लोबल रोल का विस्तार कर रहा है। भारत के टैलेंट का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है।

5. विकसित भारत में अप्रवासियों का योगदान 1947 में आजादी के बाद भारतीय डाइसपोरा ने बहुत मदद की। हमारे सामने 2047 का लक्ष्य है, हमें विकसित भारत बनाना है। आप आज भी कंट्रीब्यूट कर रहे हैं। आपकी मेहनत के कारण ही भारत की पहचान बढ़ रही है।

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