ओडिशा सरकार के साथ संयुक्त व्यापार सत्र में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के विचार

Date:

ओडिशा ,09 जनवरी। 18वें प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर ओडिशा सरकार के साथ आयोजित संयुक्त व्यापार सत्र में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने वैश्विक भारतीय समुदाय के महत्व और उनके योगदान पर गहराई से चर्चा की। इस सत्र का आयोजन ओडिशा सरकार के सहयोग से किया गया, जिसमें विदेश मंत्री ने भारत की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति और आर्थिक क्षमताओं पर जोर दिया।

प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर जोर

डॉ. जयशंकर ने प्रवासी भारतीय समुदाय की भूमिका को भारत की वैश्विक छवि को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय भारत के ब्रांड एंबेसडर हैं, जो दुनिया भर में भारत की संस्कृति, परंपरा और मूल्य प्रणाली का प्रचार करते हैं। विदेश मंत्री ने कहा, “प्रवासी भारतीय हमारे वैश्विक संबंधों के पुल हैं, जो भारत और अन्य देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूती देते हैं।”

ओडिशा की अर्थव्यवस्था में निवेश के अवसर

ओडिशा सरकार के साथ साझेदारी में आयोजित इस सत्र में डॉ. जयशंकर ने राज्य की औद्योगिक क्षमताओं और निवेश के अवसरों की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से राज्य के खनिज संसाधनों, पर्यटन, और टेक्सटाइल उद्योग की संभावना पर चर्चा की। उन्होंने ओडिशा को “एक नई आर्थिक ताकत के रूप में उभरता हुआ राज्य” कहा और प्रवासी भारतीय समुदाय से आह्वान किया कि वे राज्य में निवेश के अवसरों का लाभ उठाएं।

वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत की भूमिका

विदेश मंत्री ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और यह भारतीय प्रवासियों के लिए एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है। “भारत की अर्थव्यवस्था न केवल स्थिरता प्रदर्शित कर रही है बल्कि नवाचार और विकास के नए आयाम खोल रही है,” उन्होंने कहा।

ओडिशा और भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों की भूमिका

डॉ. जयशंकर ने प्रवासी भारतीयों को भारत के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ओडिशा जैसे राज्यों में निवेश और सहयोग न केवल क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करेगा बल्कि भारत की समग्र प्रगति में भी योगदान देगा।

संस्कृति और व्यापार का संगम

सत्र के अंत में, विदेश मंत्री ने ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ओडिशा का सांस्कृतिक वैभव, जैसे कि कोणार्क का सूर्य मंदिर और पुरी की रथ यात्रा, न केवल भारत की सांस्कृतिक पहचान को परिभाषित करते हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा देते हैं।

निष्कर्ष

इस सत्र के माध्यम से डॉ. एस. जयशंकर ने प्रवासी भारतीय समुदाय को भारत के विकास में भागीदारी के लिए प्रेरित किया और ओडिशा की संभावनाओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। यह सत्र न केवल प्रवासी भारतीयों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में एक कदम था, बल्कि ओडिशा जैसे राज्यों को अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए एक मंच प्रदान करने का भी प्रयास था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला.

नई दिल्ली,9 जनवरी। दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बज...

मिल्कीपुर में गेमचेंजर होगा अखिलेश यादव का PDA या योगी पलटेंगे बाजी

अयोध्या,09 जनवरी। रामनगरी अयोध्या की सबसे हाई प्रोफाइल सीट मिल्कीपुर...