नई दिल्ली,6 जनवरी। दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा अभी नहीं हुई है मगर कांग्रेस, आप और बीजेपी ने अपने- अपने ज्यादातर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. दिल्ली की कालकाजी सीट पर बीजेपी के रमेश बिधूड़ी, कांग्रेस की अलका लांबा और आम आदमी पार्टी की आतिशी मार्लेना उम्मीदवार हैं. बीजेपी के नेता रमेश बिधूड़ी एक फायर ब्रॉन्ड नेता के तौर पर अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर रहे हैं. भरी संसद में बिधूड़ी ने बसपा के सांसद दानिश अली पर असंसदीय टिप्पणी की थी. जिस पर उनको काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. अब एक बार फिर रमेश बिधूड़ी अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में आ गए हैं.
रमेश बिधूड़ी ने एक बयान में कांग्रेस की वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी पर भी विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा कि वो चुनाव जीतने के बाद कालकाजी विधानसभा सीट की सड़कों को प्रियंका गांधी के गालों की तरह बनवा देंगे. इसके बाद भी रमेश बिधूड़ी नहीं रुके. उन्होंने कहा कि आतिशी ने अपना बाप बदल लिया है. पहले वो मार्लेना थीं और अब सिंह हो गईं हैं. इसके बाद आम आदमी पार्टी भी उन पर हमलावर हो गई. एक प्रेस कांफ्रेंस में दिल्ली की सीएम आतिशी मार्लेना तो भावुक भी हो गईं. उन्होंने कहा का रमेश बिधूड़ी का उनके 80 साल के पिता को निशाना बनाना कहीं से भी शोभा नहीं देता है.
AAP खुद को पीड़ित के तौर पेश करेगी
आम आदमी पार्टी खुद को एक पीड़ित के तौर पर पेश करके चुनावी लाभ लेने की कोशिश जरूर करेगी. उसके पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को चुनाव के पहले ही जमानत मिली है. इसको भी आप लगातार चुनावी मुद्दा बना रही है. ऐसे में बीजेपी के नेताओं का बड़बोलापन लगातार सामने आ रहा है. इससे जनता की सहानुभूति आम आदमी पार्टी के पक्ष में हो सकती है.
प्रेस कांफ्रेंस में आतिशी के आंसू छलके
इस प्रेस कांफ्रेंस में आतिशी के आंसू छलक गए. उन्होंने कहा कि उनके पिता एक शिक्षक रहे. जिन्होंने हजारों गरीब बच्चों को पढ़ाया. राजनीति के लिए उनको बीच में घसीटना किसी तरह से ठीक नहीं है. अब आतिशी के आंसू दिल्ली विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाएंगे? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. आतिशी आंसू और बिधूड़ी के अटपटे बयानों से किसे लाभ पहुंचेगा, ये तो चुनाव के नतीजों से ही साफ होगा. मगर बिधूड़ी अपनी चुनावी बिसात पर शह और मात के जिस खेल के लिए अपनी जुबान से आग उगल रहे हैं, वो आने वाले वक्त में बीजेपी की चुनावी संभावनाओं के फूल को झुलसा भी सकती है.