नई दिल्ली,4 जनवरी। बिहार में हाल ही में हुए बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच, प्रशांत किशोर ने परीक्षा में हुई अनियमितताओं और बेरोजगारी के मुद्दे पर अनशन शुरू किया है। हालांकि, उनके अनशन से ज्यादा चर्चा में उनकी हाईटेक और लग्जरी वैनिटी वैन है, जिसे लेकर विपक्ष ने उन्हें निशाने पर लिया है।
वैनिटी वैन पर क्या है विवाद?
प्रशांत किशोर का अनशन पटना के गांधी मैदान में हो रहा है। उनके लिए वहां एक अत्याधुनिक वैनिटी वैन खड़ी की गई है, जिसमें 5-स्टार होटल जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। वैन में आरामदायक बेड, एयर कंडीशनिंग, हाई-स्पीड इंटरनेट, टेलीविजन और एक मॉडर्न वॉशरूम जैसी सुविधाएं हैं।
विपक्ष का कहना है कि एक ओर प्रशांत किशोर गरीबों और बेरोजगार युवाओं के लिए अनशन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी वैनिटी वैन उनकी “आम जनता” से दूरी को दिखाती है।
विपक्ष ने क्या कहा?
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए कहा, “यह कौन सा अनशन है, जहां 5-स्टार जैसी सुविधाएं मिल रही हैं? यह गरीबों के लिए लड़ाई नहीं, बल्कि दिखावा है।”
भाजपा प्रवक्ता ने भी प्रशांत किशोर पर हमला करते हुए कहा, “अगर अनशन करना है, तो गांधी जी के तरीके से करें। लग्जरी वैन में बैठकर अनशन करने का क्या मतलब है?”
प्रशांत किशोर का पक्ष
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वैनिटी वैन का इस्तेमाल केवल उनकी टीम के कामकाज और रणनीति तैयार करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मुझे सुविधाओं की जरूरत नहीं है। मैं इस वैन में नहीं रहता, बल्कि दिनभर अनशन स्थल पर ही रहता हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह मुद्दा बेरोजगारी और BPSC परीक्षा में हुई धांधली का है, जिसे विपक्ष भटकाने की कोशिश कर रहा है।
जनता की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर जनता की राय बंटी हुई है। कुछ लोग प्रशांत किशोर के अनशन का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ उनकी वैनिटी वैन को लेकर उठे सवालों से सहमत हैं। एक स्थानीय युवक ने कहा, “अगर वह सच में हमारे लिए लड़ रहे हैं, तो उनकी वैनिटी वैन से कोई फर्क नहीं पड़ता। मुद्दा बेरोजगारी और BPSC की धांधली है।”
प्रदर्शन के मुख्य मुद्दे
प्रशांत किशोर ने इस अनशन के जरिए कई मांगें रखी हैं:
- BPSC परीक्षा में पारदर्शिता: परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की उच्चस्तरीय जांच हो।
- बेरोजगारी का समाधान: बिहार में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं।
- परीक्षाओं का समय पर आयोजन: सभी सरकारी परीक्षाएं समय पर हों और उनके परिणाम भी तय समयसीमा में जारी किए जाएं।
निष्कर्ष
प्रशांत किशोर के अनशन का उद्देश्य भले ही बिहार के युवाओं के हक की लड़ाई हो, लेकिन उनकी वैनिटी वैन ने इस आंदोलन को विवादों में घेर लिया है। विपक्ष इसे दिखावा करार दे रहा है, जबकि प्रशांत किशोर का कहना है कि यह मुद्दा जनता के हक से जुड़ा है। अब देखना होगा कि यह प्रदर्शन बिहार की राजनीति और युवाओं के भविष्य को कितना प्रभावित करता है।