मुंबई,03 जनवरी। महाराष्ट्र में नए साल की शुरुआत में नए सरकार की कैबिनेट बैठक हो रही है। इस दौरान कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसला लिया गया है। इस फैसले के अनुसार अब महाराष्ट्र में सराकारी कर्मचारियों का सैलरी अकाउंट अब मुंबई के डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में खोला जाएगा।
साथ ही इस बैंक में सरकारी निगमों से सरप्लस फंड का निवेश करना मुमकिन हो जाएगा। आपको जानकारी दें कि यह कि बैंक एक बीजेपी के विधायक प्रवीण दारेकर का है और वे इस बैंक के चेयरमैन है।
2023 में भी मिली अनुमति
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अक्टूबर 2023 में महाराष्ट्र सरकार ने इस काम के लिए 14 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को अनुमति दी थी। इस अनुमति को प्राप्त करने के लिए जो जरूरी था वो ये था कि बैंकों को सालाना ऑडिट में पांच साल तक ‘A’-क्लास कैटेगरी में होना।
इसके अलावा, क्रेडिट रिजर्व रेशो भी 9 प्रतिशत होना अनिवार्य था। उस समय MDCC बैंक सरकार द्वारा जारी इस योग्यता को पूरा नहीं कर पाया था। उस समय विधायक का बैंक एक साल के लिए बी-क्लास में पहुंच गया था और क्रेडिट रिजर्व का रेशो भी 9 प्रतिशत से कम था।
MDCC अकाउंट में होगे ये काम
कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले के बाद, इसके तहत सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के बैंक खाते ही नहीं खुलेंगे बल्कि MDCC में और भी कई काम होंगे। जैसे- सरकारी निगमों के सरप्लस फंड के निवेश भी हो पाएंगे। इन सरकारी निगमों में मुंबई महानगर क्षेत्र विकास निगम, शहर और औद्योगिक विकास निगम, महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण, मलिन बस्ती पुनर्वास प्राधिकरण शामिल है।
जानकारी दें कि इससे पहले मार्च 2020 में सरकार ने ये आदेश जारी किया था कि सभी विभाग अपने सैलरी अकाउंट सिर्फ राष्ट्रीयकृत बैंकों में यानी Nationalized Banks में ही खुलवाएंगे। इसके बाद उसी साल अगस्त और नवंबर में यह फैसला लिया गया कि वेतन खाते सहकारी बैंकों में भी खोले जा सकते हैं। बता दें कि सहकारी बैंकों की यह लिस्ट बैंक के योग्यता के आधार पर हर साल नए डेटा के साथ अपडेट की जाती है।
इन बैंक के पास सरकार की अनुमति
अक्टूबर 2023 तक जिन जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को अनुमति दी गई है, उनमें ठाणे, रायगढ़, पुणे, सतारा, सांगली, कोल्हापुर, लातूर, अकोला, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, अहमदनगर, भंडारा, चंद्रपुर और गढ़चिरौली शामिल हैं। अब महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग में चर्चा के बाद स्पेशल केस के तौर पर MDCC बैंक को भी इस लिस्ट में शामिल कर लिया गया है।
महाराष्ट्र के वित्त विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि MDCC को अनुमति मिलने से पहले एक छोटी तकनीकी समस्या थी, जिसे सुधार लिया गया है। अब प्रस्ताव के आधार पर मुंबई जिला केंद्रीय सहकारी बैंक को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई है।