नई दिल्ली,02 जनवरी। बिहार की राजनीति में इन दिनों एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिए गए ऑफर पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसके साथ ही, कांग्रेस नेताओं ने नीतीश कुमार की गांधीवादी छवि की सराहना करते हुए उन्हें राजनीति के मर्म को समझने वाला नेता बताया है।
लालू का ऑफर और तेजस्वी की प्रतिक्रिया
हाल ही में लालू यादव ने एक सार्वजनिक बयान में कहा था कि अगर नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में जाने का फैसला करते हैं, तो वे बिहार की सत्ता तेजस्वी यादव को सौंप सकते हैं। इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
तेजस्वी यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “लालू जी का अनुभव और नीतीश जी का नेतृत्व, दोनों ही बिहार की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर कोई फैसला होता है, तो वह गठबंधन की एकता और बिहार की भलाई के लिए होगा।”
कांग्रेस नेताओं की सराहना
इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच, कांग्रेस नेता ने नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए उन्हें ‘गांधीवादी मुख्यमंत्री’ करार दिया। कांग्रेस नेता का कहना है कि नीतीश कुमार ने हमेशा सहिष्णुता और समावेशी राजनीति को बढ़ावा दिया है। उनका गांधीवादी दृष्टिकोण उन्हें एक अद्वितीय राजनेता बनाता है।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि यदि नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए केंद्र में भूमिका निभाते हैं, तो यह देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा।
नीतीश की रणनीति और संभावित बदलाव
नीतीश कुमार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, यह माना जा रहा है कि वे लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी दलों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की तैयारी कर रहे हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यदि नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में सक्रिय होते हैं, तो बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
गठबंधन की मजबूती
राजद, जदयू और कांग्रेस के गठबंधन ने बिहार में राजनीतिक स्थिरता कायम रखी है। लालू यादव और तेजस्वी यादव के हालिया बयान इस बात की ओर इशारा करते हैं कि गठबंधन में विश्वास और सामंजस्य मजबूत है।
तेजस्वी यादव का संयमित और सकारात्मक बयान यह दर्शाता है कि वे बिहार की राजनीति में अपनी भूमिका को लेकर आश्वस्त हैं और गठबंधन की एकता को प्राथमिकता देते हैं।
निष्कर्ष
बिहार की राजनीति में इस समय जो घटनाक्रम चल रहा है, वह राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभाव डाल सकता है। लालू यादव का ऑफर, तेजस्वी की प्रतिक्रिया और कांग्रेस की सराहना यह दर्शाते हैं कि बिहार की राजनीति में नई संभावनाओं के दरवाजे खुल सकते हैं। अब सबकी नजरें नीतीश कुमार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।