नई दिल्ली,02 जनवरी। मध्य प्रदेश में नए साल की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से “जनता दरबार” कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। यह पहल 6 जनवरी से शुरू होगी, जहां मुख्यमंत्री खुद नागरिकों की समस्याओं को सुनेंगे और उनका समाधान सुनिश्चित करेंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, “जनता दरबार” हर हफ्ते एक तय दिन पर मुख्यमंत्री निवास या अन्य स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जनता और सरकार के बीच की दूरी को कम करना और प्रशासन को अधिक उत्तरदायी बनाना है।
जनता दरबार का उद्देश्य
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस पहल के माध्यम से वे सीधे लोगों की समस्याओं को समझेंगे और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हल करने का प्रयास करेंगे। सरकार का उद्देश्य न केवल समस्याओं का समाधान करना है, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना भी है।
कैसे होगा आयोजन
जनता दरबार में शामिल होने के लिए नागरिकों को पहले से अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद, उनकी शिकायतों को संबंधित विभागों तक पहुंचाया जाएगा, और मुख्यमंत्री स्वयं उनकी प्रगति पर नजर रखेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर व्यक्ति की शिकायत का समय पर निपटारा हो।
प्रारंभिक प्रतिक्रिया
इस कदम को लेकर राज्य के लोगों में काफी उत्साह है। नागरिकों को उम्मीद है कि इससे उनकी आवाज सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचेगी और उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से होगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की इस पहल को राज्य के प्रशासन में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। जनता दरबार के माध्यम से वे न केवल आम नागरिकों से जुड़ेंगे, बल्कि सरकार की योजनाओं और नीतियों को भी जमीनी स्तर तक प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।