नई दिल्ली, पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली का अस्पताल में डांस करते हुए एक वीडियो सामने आया है। 58 सेकंड के वीडियो में कांबली एक लड़की के साथ चक दे इंडिया के गाने पर डांस करते दिख रहे हैं। उन्होने एक क्रिकेट शॉट भी लगाया।
52 साल के विनोद कांबली ठाणे जिले के आकृति अस्पताल में एडमिट हैं। वे 21 दिसंबर को तबियत खराब होने के कारण एडमिट हुए थे। उनके ब्रेन में क्लॉटिंग हुई थी।
7 दिन पहले गाना गाया था, शराब न पीने की सलाह दी थी 7 दिन पहले 24 दिसंबर को कांबली ने अस्पताल से दिए इंटरव्यू में कहा था कि वे अब अच्छा महसूस कर रहे हैं। कांबली ने हॉस्पिटल के बेड पर ‘वी आर द चैंपियन…वी विल बैक’ गाना भी गाया। उन्होंने लोगों को नसीहत दी कि शराब न पिएं, ये आपके परिवार को पसंद नहीं आएगा।
कोच आचरेकर के समारोह में दिखे थे, सचिन का हाथ पकड़ा कांबली 4 दिसंबर को कोच आचरेकर समारोह में नजर आए थे। इसमें वे सचिन का हाथ कस कर थाम लेते हैं। फिर एंकर आता है और कांबली को हाथ छोड़ने को लेकर समझाता है। आखिर में सचिन उनसे दूर चले जाते हैं। यहां कांबली के चेहरे पर निराशा नजर आती है।
कांबली का करियर: 17 टेस्ट मैचों में 1084 रन बनाए
- कांबली ने 1991 में वनडे डेब्यू और 1993 में टेस्ट में डेब्यू किया था। वे 14 पारियों में सबसे तेज 1000 टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज थे।
- भारतीय टीम के लिए 17 टेस्ट मैचों में कुल 1084 रन बनाए। इनमें 4 शतक और 3 अर्धशतक शामिल हैं।
- 104 वनडे मैचों में कुल 2477 रन बनाए, जिनमें 2 शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं। 2000 के दशक में उनका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा और इसी वजह से वह टीम इंडिया से बाहर हो गए। उन्होंने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी वनडे मैच साल 2000 में श्रीलंका के खिलाफ खेला।
जब मैदान पर रो पड़े थे कांबली 13 मार्च 1996 को कोलकाता के ईडन गार्डन में भारत और श्रीलंका के बीच वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल था। श्रीलंका ने 251 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम एक समय 98 रन पर एक विकेट गंवाकर अच्छी स्थिति में थी, लेकिन सचिन के आउट होने के बाद टीम का बल्लेबाजी क्रम ढह गया। टीम इंडिया ने 120 रनों पर 8 विकेट गंवा दिए थे।
35वां ओवर होना था और भारतीय टीम को 156 गेंदों पर 132 चाहिए थे। विनोद कांबली 10 और अनिल कुंबले बगैर खाता खोले क्रीज पर मौजूद थे। इसके बाद दर्शकों ने मैदान पर बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं। स्टेडियम के एक हिस्से में आग लगा दी। मैच रोक दिया गया और श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया गया। तब मैदान से लौटते समय कांबली रोने लगे।