भोपाल ,27 दिसंबर। भोपाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पर बड़ी छापेमारी की है। यह कार्रवाई आर्थिक अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है। छापेमारी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान भी तैनात किए गए हैं।
सौरभ शर्मा पर आरोप
सौरभ शर्मा, जो पहले मध्य प्रदेश पुलिस में सिपाही रह चुके हैं, पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर गैरकानूनी तरीकों से संपत्ति अर्जित की। ED को उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े कुछ ठोस सबूत मिले हैं। इसी आधार पर यह छापेमारी की जा रही है।
भोपाल में सघन सर्चिंग अभियान
ED की टीम ने सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित आवास और कार्यालय में सर्चिंग अभियान चलाया। छापेमारी के दौरान डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज, बैंक खातों और अन्य वित्तीय लेन-देन से संबंधित जानकारी जुटाई जा रही है। CRPF जवानों की उपस्थिति ने इस अभियान को सुरक्षा का एक अतिरिक्त आयाम दिया।
कैसे बना जांच का केंद्र?
सूत्रों के अनुसार, सौरभ शर्मा के खिलाफ कुछ वित्तीय अनियमितताओं और बड़ी धनराशि के लेन-देन की शिकायतें मिली थीं। जांच एजेंसियों को यह भी शक है कि उन्होंने यह संपत्ति अवैध गतिविधियों के जरिए अर्जित की। उनके बैंक खातों और अन्य निवेशों की जांच की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
भोपाल पुलिस और प्रशासन ने इस छापेमारी में ED का पूरा सहयोग किया है। स्थानीय पुलिस ने इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है, ताकि कार्रवाई के दौरान कोई बाधा न उत्पन्न हो।
सौरभ शर्मा की सफाई
सौरभ शर्मा ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि वे इस मामले में निर्दोष हैं और जांच में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया है कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं।
जांच का दायरा बढ़ा
प्रवर्तन निदेशालय ने संकेत दिया है कि यह छापेमारी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है। सौरभ शर्मा के खिलाफ जांच के दायरे को और बढ़ाया जा सकता है। उनके लेन-देन और संपर्कों की विस्तार से जांच की जा रही है।
क्या कहता है यह मामला?
सौरभ शर्मा के खिलाफ ED की यह कार्रवाई यह दिखाती है कि जांच एजेंसियां अब निचले स्तर पर भी बड़े मामलों की तह तक पहुंचने के लिए प्रयासरत हैं। यह मामला कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का एक और उदाहरण है।
भोपाल में यह छापेमारी स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है। आने वाले दिनों में जांच एजेंसियों की कार्रवाई और इसके नतीजे पर सभी की नजरें टिकी होंगी।