नई दिल्ली, भारत के पूर्व क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि उनका पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट खेलने का सपना अधूरा ही रह गया। वह बचपन से पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट खेलना चाहते थे, लेकिन कुछ कारणों से ऐसा हो नहीं हो सका।
अश्विन ने गोबीनाथ के यूट्यूब चैनल पर दिए इंटरव्यू में कहा, ‘सदागोपान रमेश को देखकर मैं क्रिकेट खेलने के लिए इंस्पायर हुआ था। वे तमिलनाडु के पहले बैटर थे, जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में बेफिक्री से रन बनाए। पाकिस्तान के खिलाफ उनकी पारियां तो मुझे सपने में भी आती थीं।’
अश्विन ने पिछले सप्ताह ही संन्यास लिया
अश्विन ने 18 दिसंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए ब्रिस्बेन टेस्ट के बाद संन्याल ले लिया। उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने संन्यास का ऐलान किया था। 38 साल की उम्र में उन्होंने भारत के लिए 537 टेस्ट विकेट लिए, लेकिन कभी पाकिस्तान के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला।
क्या बोले अश्विन?
अश्विन ने कहा, ‘मेरे जीवन का सबसे बड़ा अधूरा सपना यही रह गया कि मैं कभी पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच नहीं खेल सका। हालांकि, ये चलता है। अब जिसे बदलना मेरे हाथ में ही नहीं, उसके बारे में सोचकर मैं ज्यादा कुछ कर भी नहीं सकता।’
एस रमेश ने बचपन में बहुत इंस्पायर किया
अश्विन ने बताया कि उन्हें तमिलनाडु के पूर्व बैटर एस रमेश ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट खेलने के लिए इंस्पायर किया था। ऑफ स्पिनर ने कहा, ‘सदागोपान रमेश मेरे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हैं। मैं खुद इस बात को नहीं जानता कि उन्होंने मेरे जीवन में कितना बड़ा किरदार निभाया। वह तमिलनाडु के पहले बैटर थे, जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में बिना डरे रन बनाए थे।
मैंने तमिलनाडु के कई खिलाड़ियों को इंटरनेशनल स्टेज पर रन बनाते हुए देखा, लेकिन सभी को कहीं न कहीं परेशानी ही हुई। वे आगे चलकर स्थापित जरूर हो गए, लेकिन जिस तरीके से रमेश क्रिकेट खेलते थे, वैसा कोई नहीं खेल सका। उन्होंने वसीम अकरम, वकार यूनुस और शोएब अख्तर जैसे बॉलर्स के खिलाफ भी बेफिक्री से रन बनाए। उनके पास शॉट्स खेलने के लिए हमेशा ही बहुत ज्यादा समय था।’