नूंह,25 दिसंबर।. भारत के पड़ोसी मुल्क म्यांमार में जब हालात अच्छे नहीं थे तो हरियाणा के नूंह जिले में साल 2012 में रोहिंग्या मुसलमानों ने शरण ली थी. धीरे – धीरे रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह में बढ़ती गई. इस समय नूंह जिले में चंदेनी रोड, शाहपुर नंगली, समीप बस अड्डा नूंह, पुन्हाना इत्यादि इलाकों में तकरीबन 398 रोहिंग्या परिवार रह रहे हैं. ऐसे में 1761 रोहिंग्या मुसलमान इस समय हरियाणा के नूंह जिले में रह रहे हैं. पुलिस के आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है. उधर, हरियाणा सरकार अब इनरोहिंग्या मुसलमानों को प्रदेश से बाहर करने की तैयारी कर रही है और सीआईडी से भी मदद ली जा रही है.
गौरतलब है कि रोहिंग्या मुस्लमान चंदेनी रोड पर स्थित झुग्गियों में रहते हैं और कई बार यहां आग की घटनाएं भी हो चुकी है, जिसमें इनका पूरा सामान जलकर राख हो गया था. हालांकि, जमीयत-उलेमा सहित कई सामाजिक संगठनों ने उनकी मदद की और फिर से यहां पर ये लोग बांस की झुग्गियां बनाकर यहां रहने लगे. यह रोहिंग्या परिवार अब यहां पूरी तरह से सेटल हो चुके हैं. उनके बच्चों की पढ़ाई को लेकर आधा दर्जन से अधिक समाज सेवी संस्थाएं, केंद्र सरकार की मदद से काम कर रही हैं. इन रोहिंग्या मुसलमानों के बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां इस्लामी मदरसा भी खुला हुआ है. एक्शन एड संस्था पढ़ाई के नाम पर मोटा फंड वसूल रही है, जिसमें उर्दू, अरबी के अलावा हिंदी-अंग्रेजी की पढ़ाई भी कराई जाती है. रोहिंग्या मुसलमान मजदूरी करके अपना गुजारा करते हैं. गौरतलब है कि इन दिनों दिल्ली में आसपास के इलाकों में अवैध तरीके से आए रोहिंग्या को देश से बाहर भेजने के लिए सख्ती दिखाई जा रही है. पुलिस सर्च अभियान चला रही है. इसी को लेकर दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह जिलों में भी पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट दिखाई दे रहा है. लेकिन इन रोहिंग्या मुसलमान को लेकर अभी तक भी सरकार की कोई स्पष्ट नीति दिखाई नहीं दे रही है. सबसे खास बात यह है कि मानव अधिकार आयोग सहित कई जगह से इन रोहिंग्या परिवारों को एनजीओ के माध्यम से मदद मिलती रहती है. जिसकी वजह से यह रोहिंग्या परिवार अब यहां पूरे आराम से रह रहे हैं.