नई दिल्ली,20 दिसंबर। अमेरिका ने हाल ही में ईरान और चीन से जुड़े व्यापार और आर्थिक गतिविधियों पर सख्त रुख अपनाते हुए कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। इन कंपनियों पर आरोप है कि वे ईरान के मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रमों में मदद कर रही थीं। इस लिस्ट में एक भारतीय कंपनी का नाम भी शामिल है, जिससे भारत में हलचल मच गई है।
अमेरिका का फैसला
अमेरिकी विदेश विभाग और वित्त विभाग ने संयुक्त रूप से यह कदम उठाया है। उन्होंने ईरान के हथियार कार्यक्रमों और चीन की भूमिका पर चिंता जताते हुए कहा कि ये गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, “हम ईरान को उसके अवैध मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रमों में सहयोग देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। किसी भी देश या कंपनी को इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
प्रतिबंधित कंपनियों की सूची
अमेरिका द्वारा जारी की गई लिस्ट में 13 कंपनियों के नाम हैं। इनमें से कई कंपनियां ईरान और चीन में स्थित हैं। इन पर आरोप है कि ये कंपनियां ईरान को संवेदनशील तकनीक और उपकरण मुहैया करवा रही थीं।
भारतीय कंपनी का नाम शामिल
चौंकाने वाली बात यह है कि इस सूची में एक भारतीय कंपनी का नाम भी है। इस कंपनी पर आरोप है कि उसने ईरान को ऐसी सामग्री की आपूर्ति की, जिसका इस्तेमाल ड्रोन निर्माण में किया जा सकता है। हालांकि, भारतीय सरकार और संबंधित कंपनी ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि वे सभी व्यापारिक गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत कर रहे थे।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वे अमेरिकी अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं और मामले की विस्तृत जानकारी मांग रहे हैं।
ईरान और चीन की प्रतिक्रिया
ईरान ने अमेरिका के इस कदम की निंदा करते हुए इसे अन्यायपूर्ण करार दिया है। वहीं, चीन ने भी इन प्रतिबंधों को “अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर अनावश्यक हस्तक्षेप” बताया।
क्या है अमेरिका का उद्देश्य?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिका की ईरान और चीन पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है। ईरान के मिसाइल कार्यक्रम और चीन की तकनीकी प्रगति को लेकर अमेरिका लंबे समय से चिंतित है।
निष्कर्ष
अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित कंपनियों की इस सूची ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई बहस को जन्म दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन प्रतिबंधों का भारत, ईरान, और चीन पर क्या प्रभाव पड़ता है और भारत-अमेरिका संबंधों में इस मुद्दे का क्या असर होता है।