उत्तर प्रदेश ,19 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। उनकी मौत को लेकर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। कांग्रेस पार्टी ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की है। साथ ही मृतक के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने की भी मांग उठाई गई है।
क्या है मामला?
कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत का मामला 17 दिसंबर को सामने आया।
- प्रभात पांडेय का शव संदिग्ध परिस्थितियों में उनके घर के पास मिला।
- प्रारंभिक जांच में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन परिजनों और कांग्रेस पार्टी ने इसे साजिश करार दिया है।
- पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।
परिवार का आरोप और मांगें
प्रभात पांडेय के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई है।
- परिजनों का कहना है कि प्रभात सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में काफी सक्रिय थे, जिससे कुछ लोग नाराज थे।
- उन्होंने सरकार से 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
कांग्रेस पार्टी का रुख
कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला है।
- पार्टी नेताओं ने इस घटना को राजनीतिक हत्या करार दिया है।
- कांग्रेस ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
- पार्टी ने कहा है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, वे चुप नहीं बैठेंगे।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
- घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए गए हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
- पुलिस का कहना है कि मामले की जांच निष्पक्ष और गहनता से की जाएगी।
- कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है।
स्थानीय राजनीति में हलचल
इस घटना के बाद सुल्तानपुर में राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
- कांग्रेस ने इस घटना को कानून-व्यवस्था की विफलता बताया है।
- वहीं, बीजेपी नेताओं ने इस मामले को राजनीति से जोड़ने का विरोध किया है।
मृतक का योगदान
प्रभात पांडेय कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता थे।
- वे स्थानीय स्तर पर पार्टी के संगठन को मजबूत करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
- उनके निधन से पार्टी को गहरा झटका लगा है।
निष्कर्ष
प्रभात पांडेय की मौत ने यूपी की राजनीति में नया मुद्दा खड़ा कर दिया है।
सरकार और प्रशासन पर निष्पक्ष जांच का दबाव बढ़ रहा है।
अब देखना यह है कि क्या परिजनों को न्याय मिलता है और कांग्रेस की मांगें पूरी होती हैं, या यह मामला राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में उलझकर रह जाएगा।