नई दिल्ली । 17 दिसंबर 24 । रोहन जेटली एक बार फिर दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष बन गए उन्होंने भारत के पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद को चुनाव में मात दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत अरूण जेटली के बेटे 35 वर्ष के रोहन को 1577 वोट मिले जबकि आजाद को 777 वोट पड़े।
कुल 2413 वोट डाले गए थे और जीतने के लिये 1207 वोट चाहिए थे। रोहन 2020 में निर्विरोध चुने गए थे और एक साल बाद उन्होंने एडवोकेट विकास सिंह को हराया। रोहन 2020 में निर्विरोध चुने गए थे जब रजत शर्मा ने बीच में ही पद छोड़ दिया था। एक साल बाद उन्होंने एडवोकेट विकास सिंह को हराया। दिवंगत अरूण जेटली 14 साल तक डीडीसीए अध्यक्ष रहे थे।
रोहन को बीसीसीआई के पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना का समर्थन हासिल था जिनका दिल्ली क्रिकेट में काफी दबदबा माना जाता है। खन्ना की बेटी शिखा कुमार ने उपाध्यक्ष पद के चुनाव में राकेश कुमार बंसल और सुधीर कुमार अग्रवाल को हराया तीनों को क्रमश: 1246, 536 और 498 वोट मिले।
अशोक कुमार (893) सचिव चुने गए जबकि हरीश सिंगला (1328) कोषाध्यक्ष बने। अमित ग्रोवर (1189) संयुक्त सिचव होंगे। सभी पदाधिकारी तीन साल के लिये चुने गए हैं। अन्य में आनंद वर्मा (985), मनजीत सिंह (1050), नवदीप एम (1034), श्याम शर्मा (1165), तुषार सहगल (926), विकास कत्याल (1054) और विक्रम कोहली (939) निदेशक के पद पर चुने गए । इस पद के लिये चुनाव हर साल होता है।
भारत की 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य आजाद फिलहाल पश्चिम बंगाल में बर्धमान दुर्गापुर सीट से तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं। उन्होंने डीडीसीए में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे । उन्होंने आरोप लगाया था कि डीडीसीए ने फ्लड लाइट लगाने पर 17.5 करोड़ रूपये खर्च किये जबकि इससे काफी बड़े अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में इसी काम पर सिर्फ साढे सात करोड़ रूपये खर्च हुए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डीडीसीए प्रशासन ने बीसीसीआई से पिछले साल मिले 140 करोड़ रूपये में से कुछ ही खर्च किये हैं। डीडीसीए चुनाव 13, 14 और 15 दिसंबर को आयोजित किए गए, जिसमें कुल 3748 सदस्य मतदाता थे. इनमें से 2412 सदस्यों ने वोट डालने का निर्णय लिया. यह चुनाव तीन पैनलों के बीच हुआ, जिसमें एक पैनल रोहन जेटली का था जो मौजूदा अध्यक्ष हैं, दूसरा पैनल कीर्ति आजाद का था, और तीसरा पैनल विनोद तिहारा का था. हालांकि डीडीसीए में कुल 4200 सदस्य थे, लेकिन 449 सदस्यों ने वोट डालने के लिए अपना वेरिफिकेशन नहीं कराया, जिसके कारण वे मतदान में भाग नहीं ले सके।वहीं, डीडीसीए के 22 सदस्यों का निधन होने के कारण उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई है.यहाँ आपको बताते चले कि दिल्ली में क्रिकेट की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करने का काम डीडीसीए का है. साथ ही इसके अंडर में ही फिरोजशाह कोटला मैदान स्थित अरुण जेटली स्टेडियम आता है. दिल्ली में रणजी मैच, लीग मैच, दिल्ली प्रीमियर लीग और राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर के सभी क्रिकेट मैचों का आयोजन करने की जिम्मेदारी डीडीसीए की होती है. डीडीसीए बीसीसीआई के सहयोग से क्रिकेट की सभी गतिविधियों को संचालित करता है