नई दिल्ली,13 दिसंबर। लोकसभा के शीतकालीन सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर चर्चा की शुरुआत की। यह चर्चा दो दिन तक चलेगी। चर्चा की शुरुआत करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के लोगों ने 26 नवम्बर 1949 को संविधान को अपनाया था और इस अवसर पर संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने पर उन्होंने सदन और देश के नागरिकों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को छूते हुए राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है। राजनाथ सिंह ने संविधान को केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक अहम रास्ता बताया। यह बहस शनिवार तक चलेगी और शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बहस का जवाब देंगे। भाजपा की ओर से 12 से 15 नेता इस चर्चा में भाग लेंगे।
राजनाथ सिंह ने संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ऐसा माहौल बनाया गया है कि संविधान केवल एक खास वर्ग के लिए है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण में बहुत से लोगों की भूमिका को जानबूझकर नकार दिया गया है। संविधान को कुछ खास लोगों ने हाईजैक कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान ने प्रजा को नागरिक बनाया और यह एक साथ मिलकर काम करने की शक्ति प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने संविधान की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए हैं और इसे खुले दिल से स्वीकार किया है।
कांग्रेस को संविधान दिवस पर बहस के लिए 2 घंटे 20 मिनट का समय मिलेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा दोनों सदन में बोलेंगे। प्रियंका गांधी का यह पहला भाषण होगा। कांग्रेस ने सदन में अपने सांसदों से दोनों दिनों में उपस्थित रहने को कहा है और इसके लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राज्यसभा में विपक्ष की ओर से बहस की शुरुआत करेंगे।