नई दिल्ली,10 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की घोषणा की है। यह पहल इन राज्यों में शिक्षा को मजबूत करने और छात्रों को बेहतर शैक्षिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है।
केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना का उद्देश्य
नई केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पहल न केवल शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाएगी, बल्कि छात्रों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ने में भी मददगार होगी।
किन जिलों में खुलेंगे नए केंद्रीय विद्यालय?
मध्य प्रदेश के कटनी, मैहर, सिवनी, और बालाघाट जैसे जिलों में केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। छत्तीसगढ़ में भी कई पिछड़े और आदिवासी बहुल क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए विद्यालय खोलने की योजना है। यह निर्णय ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
शिक्षा में सुधार की दिशा में बड़ा कदम
इस पहल से इन जिलों में छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रणाली के तहत पढ़ने का अवसर मिलेगा। केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) द्वारा संचालित इन विद्यालयों में छात्रों को न केवल बेहतर शिक्षण सामग्री मिलेगी, बल्कि खेल, विज्ञान, और तकनीकी शिक्षा के लिए आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
छात्रों और अभिभावकों में उत्साह
इस घोषणा के बाद स्थानीय निवासियों में उत्साह का माहौल है। छात्रों और उनके अभिभावकों का मानना है कि नए केंद्रीय विद्यालयों की शुरुआत से उनके बच्चों को बेहतर भविष्य की राह मिलेगी।
सरकार की शिक्षा नीति का समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल उनकी नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप है। इस नीति का उद्देश्य हर छात्र को उसकी क्षमताओं के अनुसार सीखने के अवसर प्रदान करना और देश के हर कोने में शिक्षा का प्रचार करना है।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना से न केवल शिक्षा के स्तर में सुधार होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री मोदी की यह सौगात इन राज्यों के युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।