नई दिल्ली,10 दिसंबर।भारत के शेयर बाजार में आगामी वर्षों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है। प्रतिष्ठित वैश्विक निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि 2025 तक भारत विश्व के सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बाजारों में शामिल होगा। इसके साथ ही, यह भी संभावना जताई गई है कि सेंसेक्स अगले एक साल के भीतर 1 लाख का आंकड़ा पार कर सकता है।
मॉर्गन स्टेनली का विश्लेषण
मॉर्गन स्टेनली ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती, सुधारात्मक नीतियों और बढ़ते निवेश को ध्यान में रखते हुए यह पूर्वानुमान पेश किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में तेजी से हो रहे बुनियादी ढांचे के विकास, डिजिटलीकरण, और विदेशी निवेश के कारण बाजार में लंबी अवधि के लिए सकारात्मक रुझान देखने को मिलेगा।
सेंसेक्स की संभावित वृद्धि
सेंसेक्स, जो भारतीय शेयर बाजार का मुख्य सूचकांक है, वर्तमान में लगभग 67,000 के स्तर पर है। मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि अगले 12 महीनों में यह 1 लाख का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह भारतीय निवेशकों और वैश्विक बाजारों के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।
प्रमुख कारण जो बाजार को देंगे मजबूती
सुधारात्मक नीतियां: केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों और आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसी नीतियों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है।
मजबूत घरेलू मांग: भारत की बड़ी और बढ़ती उपभोक्ता आबादी बाजार के लिए एक मजबूत आधार है।
विदेशी निवेश: भारत में बढ़ते एफडीआई और विदेशी निवेशकों का बढ़ता रुझान भारतीय बाजार को और मजबूत कर रहा है।
डिजिटलीकरण का प्रभाव: भारत में तेजी से हो रहे डिजिटलीकरण ने नए बिजनेस मॉडल और निवेश के अवसर पैदा किए हैं।
निवेशकों के लिए संदेश
मॉर्गन स्टेनली ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे भारतीय बाजार की इस तेजी का लाभ उठाएं। भारतीय कंपनियों की ग्रोथ स्टोरी और मजबूत फंडामेंटल्स इसे एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाते हैं।
सावधानी की आवश्यकता
हालांकि, इस तेजी के बीच विशेषज्ञों ने निवेशकों को सतर्क रहने की भी सलाह दी है। वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां, बढ़ती ब्याज दरें, और भू-राजनीतिक तनाव बाजार पर असर डाल सकते हैं।
निष्कर्ष
मॉर्गन स्टेनली की यह रिपोर्ट भारत की आर्थिक प्रगति और बाजार की क्षमता को रेखांकित करती है। यदि अनुमान सही साबित होते हैं, तो भारत न केवल घरेलू निवेशकों के लिए बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी एक पसंदीदा बाजार बन जाएगा। भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार का यह उभार देश के आर्थिक भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।