नई दिल्ली,22 नवम्बर। महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों के बाद 2024 का सी वोटर एग्जिट पोल सामने आ गया है। राज्य की राजनीति में इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प रहा, जहां एक तरफ महायुति (भाजपा, शिवसेना-शिंदे गुट और अन्य सहयोगी) ने अपनी पूरी ताकत झोंकी, वहीं दूसरी तरफ महा विकास अघाड़ी (MVA) में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट), और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने एकजुट होकर मुकाबला किया।
चुनाव के बाद अब सबकी नजरें एग्जिट पोल पर हैं, जो यह संकेत देते हैं कि राज्य की सत्ता किसके हाथ में जाएगी।
एग्जिट पोल के मुख्य बिंदु
सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, महाराष्ट्र में मुकाबला कांटे का रहा। महायुति और MVA के बीच सत्ता की लड़ाई क्षेत्रवार बेहद दिलचस्प दिखी।
महायुति: भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) का गठबंधन राज्य में मजबूत प्रदर्शन करता दिखा, खासकर शहरी इलाकों में।
MVA: महा विकास अघाड़ी ने ग्रामीण क्षेत्रों और मराठवाड़ा, विदर्भ जैसे इलाकों में मजबूत पकड़ बनाए रखी।
क्षेत्रवार अनुमान
मुंबई और ठाणे:
महायुति का प्रदर्शन यहां बेहतर रहा है। भाजपा और शिंदे गुट ने शहरी मतदाताओं को साधने में सफलता पाई।
अनुमान: 36 में से 20-24 सीटें महायुति के खाते में जा सकती हैं।
पश्चिमी महाराष्ट्र:
यह क्षेत्र एनसीपी का गढ़ माना जाता है। यहां शरद पवार की पार्टी और कांग्रेस ने मजबूती दिखाई है।
अनुमान: MVA को 35 में से 25-30 सीटें मिलने का अनुमान।
विदर्भ:
भाजपा ने विदर्भ में अपने परंपरागत वोट बैंक को बनाए रखा।
अनुमान: महायुति को 45 में से 28-32 सीटें।
मराठवाड़ा:
इस क्षेत्र में एमवीए ने बेहतर प्रदर्शन किया है, खासकर किसानों और मराठा आरक्षण के मुद्दे पर।
अनुमान: MVA को 40 में से 22-26 सीटें।
उत्तर महाराष्ट्र:
यहां भाजपा और एनसीपी के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया।
अनुमान: 25 में से 12-15 सीटें महायुति को और 10-12 सीटें MVA को।
कुल सीटों का अनुमान
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, और सरकार बनाने के लिए किसी भी गठबंधन को 145 का जादुई आंकड़ा चाहिए।
महायुति: 130-150 सीटें
MVA: 120-140 सीटें
अन्य: 5-10 सीटें
किसकी बनेगी सरकार?
सी वोटर एग्जिट पोल के मुताबिक, महाराष्ट्र में सत्ता के लिए कांटे की टक्कर है। हालांकि महायुति को हल्की बढ़त मिलती दिख रही है, लेकिन एमवीए भी सरकार बनाने की दौड़ में पीछे नहीं है। ऐसे में निर्दलीय और छोटे दलों की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
मुख्य मुद्दे जो चुनाव में हावी रहे
मराठा आरक्षण: यह चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा रहा। MVA ने इस पर खुलकर भाजपा सरकार को घेरा।
किसान संकट: किसानों की समस्याओं और फसलों के नुकसान पर दोनों गठबंधनों ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया।
शहरी विकास: भाजपा ने शहरी क्षेत्रों में विकास के एजेंडे को जोर-शोर से उठाया।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र में सत्ता का रास्ता इस बार भी पेचीदा लग रहा है। एग्जिट पोल के संकेतों के मुताबिक, महायुति और MVA दोनों ही अपनी-अपनी जीत का दावा कर सकते हैं। अब सभी की नजरें 2024 के विधानसभा चुनाव परिणामों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि महाराष्ट्र की राजनीति का अगला अध्याय कौन लिखेगा।