पूर्व IPS का आरोप-महाराष्ट्र चुनाव में बिटकॉइन घोटाले का पैसा

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नई दिल्ली,20 नवम्बर। महाराष्ट्र में आज (20 नवंबर को) 288 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हो रही है। इससे महज 12 घंटे पहले पुणे के पूर्व IPS अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बिटकॉइन घोटाले का पैसा इस्तेमाल हो रहा है।

रवींद्र ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा- बिटकॉइन डीलर ने ही उन्हें बताया है कि इसमें बारामती सांसद और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष भी शामिल हैं। वे पहले ही 150 करोड़ रुपए के बिटकॉइन बेच चुके हैं। उनके पास कई सौ करोड़ और हैं।

इन आरोपों के बाद BJP ने मंगलवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने डीलर, अमिताभ गुप्ता, सुप्रिया सुले, नाना पटोले की बातचीत का ऑडियो शेयर किया। उन्होंने पूछा- डीलर जिनकी बात कर रहा है, वे बड़े लोग कौन हैं?

इधर, बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने रवींद्र नाथ के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। साथ ही X पर एक पोस्ट में लिखा- BJP गंदी राजनीति कर रही है। सुले ने सुधांशु त्रिवेदी के खिलाफ मानहानि का केस करने की चेतावनी भी दी है।

सुप्रिया बोलीं- आरोप झूठे, EC-साइबर क्राइम से शिकायत की

पूर्व IAS के आरोप के बाद सुप्रिया ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग और साइबर क्राइम से की है। सुप्रिया ने X पर पोस्ट में लिखा- वोटिंग से एक रात पहले, मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठी खबर फैलाने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। हमने बिटकॉइन के दुरुपयोग के झूठे आरोपों के खिलाफ चुनाव आयोग और साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई है। इसके पीछे की मंशा पूरी तरह से साफ है। यह निंदनीय है कि भारत के संविधान के तहत बने लोकतंत्र में ऐसी चीजें हो रही हैं।

सुप्रिया ने लिखा- मैं सुधांशु त्रिवेदी के सभी आरोपों का खंडन करती हूं। ये सब अटकलें और झूठ हैं। मैं भाजपा के किसी भी नेता के साथ सार्वजनिक मंच पर बहस के लिए तैयार हूं, समय और तारीख भी वही चुनें।

बारामती सांसद ने यह भी लिखा- यह भयावह है कि सुधांशु त्रिवेदी ने इस तरह के निराधार आरोप लगाए हैं, फिर भी इसमें हैरानी नहीं है, क्योंकि साफतौर पर यह चुनाव से एक रात पहले झूठ फैलाने का मामला है।

सुप्रिया-नाना पर आरोप लगाने वाले रवींद्रनाथ पाटिल कौन रवींद्रनाथ पाटिल 2004 बैच के पूर्व IPS अधिकारी हैं। 2010 से वे कॉर्पोरेट सेक्टर में साइबर एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे थे। 2018 के बिटकॉइन धोखाधड़ी मामले की जांच के दौरान उन्हें फोरेंसिक ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया गया था। चार साल बाद, 2022 में उन्हें 5 करोड़ रुपए की बिटकॉइन की हेराफेरी के लिए आरोपी बनाया गया था। लगभग 14 महीने येरवडा सेंट्रल जेल में अंडर ट्रायल कैदी के रूप में बिताए। फिलहाल वे बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हैं।

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